कच्ची शराब का हब बना मोतीगंज इलाका, जिम्मेदार बन रहे अंजान
कहोबा चौकी क्षेत्र में भी धधक रहीं शराब की भट्ठियां
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। जिले का मोतीगंज थाना क्षेत्र अवैध रूप से बनाई व बेची जा रही कच्ची शराब का बड़ा हब बन गया है। यहां छापेमारी के बाद भी इस गोरखधंधे पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। ऐसे में पुलिस व आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
अवैध कच्ची शराब से जुड़े कारोबारियों का मकड़जाल बहुत मजबूत है। आए दिन अभियान चलते हैं। हजारों क्विंंटल लहन नष्ट किए जाते हैं, भट्ठियां तोड़ी जाती हैं और कारोबारी गिरफ्तार भी होते हैं, लेकिन इसके बावजूद कच्ची शराब का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
आंकड़ों पर यदि ध्यान दिया जाए तो जिले के 78 गांव ऐसे हैं, जहां अवैध कच्ची शराब का धंधा फलफूल रहा है। यह कागजी आंकड़े हैं। ऐसे गांवों की संख्या बहुत अधिक है।
अकेले मोतीगंज थाना क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों में अवैध कच्ची शराब का कारोबार वर्षों से फलफूल रहा है। 28 अक्टूबर को आबकारी विभाग की टीम द्वारा मोतीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़ी में छापेमारी की गई जिसमें लगभग 20 लीटर अवैध कच्ची शराब, लगभग दो कुंतल लहन नष्ट किया गया।
तथा शराब बनाने के उपकरण बरामद कर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।
इसी दिन आबकारी निरीक्षक मनकापुर व तरबगंज की संयुक्त टीम द्वारा थाना मोतीगंज की कहोबा पुलिस चौकी क्षेत्र के इमिलिया नई बस्ती गांव में भी दबिश दी गयी। इस छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में अवैध शराब, लहन बरामद किया गया और आबकारी अधिनियम की धारा-60 के तहत कार्रवाई की गयी।
सूत्रों के अनुसार मोतीगंज थाना क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों में अवैध शराब की भट्ठियां धधकती हैं, जिन पर इलाकाई पुलिस व आबकारी विभाग कार्रवाई करने में या तो लापरवाही बरत रहा है या फिर हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
कहोबा पुलिस चौकी क्षेत्र के खखरइया, पाही, इमिलिया नयी बस्ती, नेवादा, खटिकन पुरवा आदि गांवों में शराब का धंधा चल रहा है।
पुलिस व आबकारी विभाग की शिथिलता के चलते ही थाना क्षेत्र में अवैध कच्ची शराब का धंधा दिनों दिन परवान चढ़ता जा रहा है और पुलिस एवं आबकारी विभाग आंखें बंद किए हुए है।
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