बी.पी त्रिपाठी/प्रदीप शुक्ला
गोण्डा:अपराधियों के विरुद्ध आपरेशन गैंगेस्टर अभियान चला कर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के मामले में सुर्खियां बटोरने वाले पुलिस अधीक्षक सन्तोष कुमार मिश्र से ठगी का शिकार हुए पीड़ित ने शिकायती पत्र दे कर कार्यवाही की मांग की है।
विदित है की थाना धानेपुर क्षेत्र के सतनामी पुरवा के रहने वाले अवधेश कुमार उर्फ़ दीपू मिश्रा ने नौकरी दिलाने का झांसा दे आठ लोगो से तीस लाख रूपये की वसूली की गयी थी,
नौकरी की लालच में रूपये देने वाले सभी लोग जनपद बाराबंकी के रहने वाले हैं, पीड़ित दिनेश कुमार द्विवेदी द्वारा एस.पी को दिए गए शिकायती पत्र में कहा गया है की समाज कल्याण मंत्री का ख़ास आदमी तथा मंत्री के प्रतिनिधि जनार्दन प्रसाद तिवारी का रिस्तेदार होने का हवाला दे कर विश्वास में लेते हुए नौकारी दिलाने का भरोसा अवधेश उर्फ़ दीपू मिश्रा द्वारा दिया गया था,
पीड़ित दिनेश कुमार ने बताया है की वो ट्रैवल एजेंसी का काम करते है इसलिए आने जाने के लिए कई बार दीपू ने गाड़ी किराए पर बुक कराई थी
इसी दौरान उससे मुलाक़ात और बात चीत शुरू हुयी उसके बाद मंत्री के बंगले पर आठ लोगों से इकट्ठा किये गए रूपये लिए थे ।
बदले में उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर अथवा साक्षात्कार पत्र मंत्री व मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी हस्ताक्षर युक्त प्रपत्र दिए गए थे।
पूरा मामला फर्जी साबित होने के बाद रूपये वापसी के लिए दबाव बनाने पर महज पांच लाख रूपये वापिस चेक के माध्यम से किया शेष रूपये देने में आनाकानी करने पर समाज कल्याण मंत्री से लिखित शिकायत की गयी थी ।
जिस पर कोई कार्यवाही नही की गयी, उसके बाद दिनेश द्विवेदी ने बताया की ठगी किये गए रुपयों की वापसी के लिए उन्होंने अपने रिस्तेदार जो की धानेपुर क्षेत्र के स्थानीय पत्रकार है ।
उनसे मदद ली गयी तो उन्होंने दीपू मिश्रा से इस सम्बन्ध में बात किया, पहले तो एक माह बाद 25 सितम्बर को रूपये वापिस करने की बात कही किन्तु उसने ऐसा ना करते हुए पत्रकार को मामले दूर रहने की हिदायत देते हुए जान से मार देने की धमकी तथा आत्महत्या का स्वांग रच कर फर्जी मुकदमे में फंसाने की कोशिश इन कोशिश में नाकाम होने के बाद दीपू ने पत्रकार पर जानलेवा पहला भी करवाया गनीमत रहा की लोकेशन मिसिंग की वजह से कोई दुसरा व्यक्ति हमले का शिकार हो गया ।
पीड़ित दिनेश कुमार द्विवेदी ने लखनऊ से आ कर शुक्रवार को एस.पी. सन्तोष कुमार को शिकायती पत्र दे कर पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए रूपये वापिस दिलाये जाने के साथ कार्यवाही की मांग की है, एस.पी ने मामले की जांच सी.ओ सिटी को सौंप दिया है।
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