बी पी त्रिपाठी/प्रदीप शुक्ला
मुजेहना गोण्डा।अलावल देवरिया पक्की सड़क से, सांगीपुर, छजवा, खम्हरिया, होते हुए बनकसिया तक पक्की सड़क का निर्माण चार करोड़ 72 लाख 98 हजार रूपये की लागत से हुआ था।
इस मार्ग के निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2018 में मिली थी, वर्ष 2020 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था।
सड़क बनने के महज एक साल बाद ही डामर सड़क की गिट्टियां उखड़ कर किनारे लग चुकीं है।
गौर करने की बात तो यह है की इस मार्ग का निर्माण स्वीकृत लम्बाई के साक्षेप अधूरी ही बनाई गयी है, बग्गी रोड की मुख्य सड़क से मतवरिया के ग्राम ठकुरा पुर तक करीब 5 किलो मीटर की सड़क भी कम्प्लीट नही बनाई गयी, शेष ग्राम पंचायत सांगीपुर, छजवा, का इस मार्ग से संपर्क ही नही होता है, ये सड़क बग्गी रोड माइनर से बनकसिया गाँव से जुड़ती है किन्तु पांच किलो मीटर के बाद सड़क पर केवल पत्थर ही पड़े पड़े है शेष कार्य आज तक पूर्ण नही कराया ही नही गया।
उल्लिखित सड़कों का हाल इतना खराब है की दुपहिया, चारपहिया वाहनों से अथवा साईकिल से चलना भी मुश्किल है।
सूबे की सरकार एक तरफ आवागमन सुलभ कराने के लिए सड़क मार्गो के निर्माण के निमित्त भारी भरकम बजट तो दे रही किन्तु भ्रष्टाचार की गढ़ गोंडा में सड़कों के निर्माण में कमीशन खोरी के चलते कई ऐसी सड़के है जिनके निर्माण के छ माह बाद ही सड़क उखड़ कर अपने मूल स्वरुप को प्राप्त कर चुकी है।
विभागीय जिम्मेदार इन सड़कों का ना तो कभी निरीक्षण करते हैं और न ही निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है, नतीजन फर्म द्वारा अधिक कमाई के चक्कर पत्थर की कुटाई कर आधा अधूरा काम एक इंच से भी कम मेटेरियल से सड़क बना दी जाती है, जो एकाध वर्ष में ही उखड़ कर भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी की गवाही देने लगती हैं।
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