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मनकापुर:प्रदर्शन के लिए वैज्ञानिक ढंग से की गई गेहूं की बुवाई

राकेश श्रीवास्तव 

मनकापुर (गोंडा रविवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर द्वारा कुवांरानी कृष्णा कुमारी फार्म फिरोजपुर में गेहूं प्रजाति करण बंदना की बुवाई वैज्ञानिकों की देखरेख में कराई गयी । फार्म के स्वामी अतुल कुमार सिंह द्वारा प्रक्षेत्र की बुवाई वैज्ञानिक विधि सीड ड्रिल से कराई गई । 


इस अवसर पर केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ राम लखन सिंह ने गेहूं प्रजाति करण बंदना की बुवाई वैज्ञानिक विधि से कराई ।



 गेहूं की नई प्रजाति करण वंदना ( डी बी डब्ल्यू 187 ) गेहूं अनुसंधान निदेशालय करनाल के द्वारा विकसित की गई है । इसकी उत्पादन क्षमता 30 कुंटल प्रति एकड़ है । प्रति एकड़ बुवाई हेतु 110 किलोग्राम यूरिया, 50 किलोग्राम डीएपी एवं 40 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश की जरूरत होती है ।



 गेहूं की बुवाई के समय 36 किलोग्राम यूरिया, 50 किलोग्राम डीएपी एवं 40 किलोग्राम में म्यूरेट आफ पोटाश का प्रयोग किया जाता है । सीड ड्रिल से बुवाई करते समय एक बॉक्स में डीएपी उर्वरक तथा दूसरे बॉक्स में गेहूं बीज भरा जाता है ।



 पंक्ति से पंक्ति की  बुवाई साढे 22 सेंटीमीटर पर की जाती है ।समय से बोने वाली प्रजातियों की बुवाई नवंबर माह में की जाती है  तथा देर से बोने वाली गेहूं की प्रजातियों की बुआई दिसंबर माह में की जाती है । गेहूं बीज की बुवाई से पूर्व बीज का अंकुरण अवश्य देख लें ।



 सीड ड्रिल से बुवाई करने पर बीज दर कम लगता है । छिटकवां बुवाई करने पर बीज की मात्रा नवंबर माह में 50 किलोग्राम प्रति एकड़ लगती है । सीडड्रिल से बुवाई करने पर फसल की उपज अच्छी प्राप्त होती है ।



 इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर पीके मिश्रा ने सिंचाई प्रबंधन डॉ मनोज कुमार सिंह ने एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन की जानकारी दी। इस अवसर पर रक्षाराम पांडेय, रक्षाराम यादव, ध्रुव आदि ने गेहूं बुवाई की वैज्ञानिक खेती की जानकारी प्राप्त की । कृषकों को फसल अवशेष  प्रबन्धन की जानकारी दी गई ।

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