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संस्कृति का दर्पण है अवध क्षेत्र की भाषा:ओझा

अवधी कविता संग्रह का हुआ लोकार्पण 

वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़। सृजना साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में साहित्यकार डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न के अवधी कविता संग्रह खेत-खरिहान का लोकार्पण हुआ। 


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार-समीक्षक डाॅ० डी०पी०ओझा ने कहा कि डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न कई भाषाओं में रचना करने वाले विक्षलण साहित्यकार हैं।


खेत-खरिहान काव्य संग्रह अवध क्षेत्र की भाषा-संस्कृति का दर्पण है।इसे कालजयी काव्य संग्रह कहना उपयुक्त होगा। 


अति विशिष्ट अतिथि अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात ने कहा कि खेत-खरिहान काव्य संग्रह में बेल्हा की माटी की सोंधी सुगंध और मिठास है।


प्रत्येक पंक्ति से रस निर्झर प्रवाहित होता है। विशिष्ट अतिथि आनंद मोहन ओझा ने कहा कि काव्य संग्रह सुकोमल भावों को प्रस्तुत करता है।


समारोह की अध्यक्षता डाॅ०दयाराम मौर्य रत्न ने की।मुख्य अतिथि डी०पी०ओझा को साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम में प्रेम कुमार त्रिपाठी, काका, अमरनाथ गुप्ता,अशोक अग्रहरि,राकेश कनौजिया, रामसजीवन मौर्य, रमाशंकर, श्रीनाथ मौर्य,आलोक, ओ०पी०गुप्ता, गयाप्रसाद मौर्य,दिनेश कुमार,राधेश्याम दीवाना आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही। संचालन अनिल कुमार निलय ने किया।

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