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बस्ती:भाकियू ने मनाया विश्वासघात दिवस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को सौंपा ज्ञापन

सुनील उपाध्याय

बस्ती।जिले मे सोमवार को भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर पदाधिकारियों, किसानोें, मजदूरों ने जिला महासचिव हृदयराम वर्मा के संयोजन में विश्वासघात दिवस मनाते हुये राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भेजा। 


भाकियू पदाधिकारी, किसान, मजदूर कडाके की ठंड में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रतिमा के निकट एकत्र हुये। 


किसान, मजदूर हाथों में तख्तियां और ज्ञापन की प्रतियां लिये न्याय मार्ग, दीवानी कचहरी होते हुये शास्त्री चौक पहुंचे। यहां सभा के बाद ज्ञापन सौंपा गया।


शास्त्री चौक पर सभा को सम्बोधित करते हुये भाकियू प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल ने कहा कि 700 से अधिक किसानों के बलिदान के बाद केन्द्र की सरकार ने तीन कृषि कानूनों को तो वापस ले लिया किन्तु आन्दोलन में प्राण गवाने वाले शहीद किसानों के परिजनोें को नौकरी देने, किसानोें पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस लेने, एम.एस.पी. पर कमेटी गठित करने आदि वायदों से केन्द्र और राज्य सरकारें मुकर रहीं है। 


किसान मजबूर होकर विश्वासघात दिवस मना रहा है। यदि मांगे न मानी गई तो किसान अपने हक के लिये पुनः आन्दोलन को बाध्य होगा।



प्रदेश उपाध्यक्ष अनूप चौधरी, मण्डल उपाध्यक्ष राम मनोहर, मण्डल संगठन मंत्री रामनवल किसान आदि ने कहा कि गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर अरबों रूपया बाकी है, वाल्टरगंज चीनी मिल को बंद कर दिया गया। 


यहां किसानों का 52 करोड से अधिक रूपया बाकी है, रूधौली चीनी मिल पर गन्ना किसानों का अरबों रूपया बकाया है किन्तु जिम्मेदार चुप्पी साधे हुये हैं। धान क्रय केन्द्रों पर किसानों की घोर उपेक्षा की जा रही है। 


आवारा पशु किसानों की फसल चर खा जा रहे हैं लेकिन किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 


कहा कि यदि किसान समस्याओं का समाधान न हुआ तो राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर पुनः निर्णायक आन्दोलन छेड़ा जायेगा।


भाकियू जिला महासचिव हृदयराम वर्मा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने वालों में राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष राधेश्याम चौधरी के साथ ही भाकियू के रामचन्द्र सिंह, डा. आर.पी. चौधरी, रमेश चौधरी, हरि प्रसाद, दीप नरायन, फूलचन्द शर्मा, विनोद कुमार, सत्यराम, जोखन प्रसाद, शिवशंकर पाण्डेय, कन्हैया प्रसाद, त्रिवेनी चौधरी, राम महीपत, रामतोखे, अभिलाष श्रीवास्तव, सीताराम, नाटे चौधरी, राम नरेश चौधरी, गौरीशंकर, जैसराम, रामजीत, श्याम नरायन सिंह, राजेन्द्र, सतीश सिंह, राममहीपत, अब्दुल कलाम, दीनानाथ, रघुवीर, बब्लू चौहान, सुधाकर शाही, एहसानुल्लाह, अमित मिश्रा, दिग्विजय जानकी प्रसाद, फूलचन्द, केशराम, सरिता देवी, सुभावती, सावित्री देवी, कलावती देवी, दुर्गा देवी के साथ ही बड़ी संख्या में भाकियू पदाधिकारी, किसान, मजदूर शामिल रहे।

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