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गोण्डा:मजबूत इरादों ने रूचि की उम्मीदों को लगाए पंख

मुफलिसों की सेवा और मदद कर जिले में बनाई अलग पहचान

150 गरीब घरों की बच्चियों का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में करा चुकी हैं दाखिला

200 से अधिक बच्चियों का अन्य स्कूलों में दाखिला दिलाकर उठाया शिक्षा का बीड़ा

ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। जिले की चर्चित समाजसेविका रूचि मोदी पिछले 15 वर्षों से संघर्षों की पर्याय बनी हुई हैं।


मुफलिसों की मदद के साथ ही गरीब घरों की बच्चियों की शिक्षा की जिम्मेदारी, महिलाओं को सिलाई मशीन मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम तथा कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाकर इस पेशे में संलिप्त महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में वे लगातार काम कर रही हैं।

    शहर के रानीबाजार की रहने वाली पेशे से अधिवक्ता रूचि मोदी की शिक्षा के दौरान ही पिता का निधन हो गया। 


इसके बाद उन पर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया। लेकिन इससे वह विचलित नहीं हुईं और अपने मजबूत इरादों व हौंसलों की बदौलत संघर्षों की पर्याय बन गयीं। 


वर्ष 2007 में उन्होंने गरीबों, असहायों, बच्चियों और महिलाओं की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षित करने तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर रोजगार से जोड़ने का संकल्प लिया। 


सामाजिक सरोकार की अपनी इस मंशा को अमलीजामा पहनाने के लिए उन्होंने ‘हम आपके साथ हैं’ नाम से एक संस्था बनाई, जिसके बैनर तले सामाजिक कार्यों को अंजाम देना शुरू किया। 


गरीबी का दंश झेल रही बेटियों व महिलाओं की मदद करने की उनकी मुहिम रंग ला रही है। रूचि ने बीते 6 सालों के दौरान 150 बच्चियों का दाखिला राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में कराने के साथ ही 200 से अधिक बालिकाओं को अन्य स्कूलों में दाखिला दिलाकर उनकी शिक्षा का बीड़ा उठाया है। 


अवैध शराब कारोबार में लिप्त 20 महिलाओं को सिलाई मशीन मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया, तो उनके प्रयास से अवैध शराब के धंधे से जुड़ी माझा क्षेत्र की 50 महिलाओं को प्रशासन ने प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम शुरू किया।


 रूचि मोदी बताती हैं कि गरीबी की वजह से बेटियां शिक्षा से वंचित न रहने पाएं, इसके लिए वे प्रतिवर्ष 25 बेटियों को चिन्हित कर गोद लेती हैं और उनका दाखिला राजकीय इंटर कॉलेज में कराती हैं। इतना ही नहीं, सभी की एकमुश्त फीस भी वह जमा करती हैं। 


उन्होंने बताया कि पिछले 6 वर्षों में 150 बेटियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाकर उनके अरमानों को पंख लगाने का काम कर चुकी हैं। 


रूचि मोदी ने बताया कि उनके द्वारा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के 20 गांवों में अब तक अवैध कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा चुका है।

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