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प्रेम का अटूट बंधन ही भगवान से जोड़ता है : राजगुरु पंडित राजेश पति

वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़। प्रेम का अटूट बंधन ही भगवान से जोड़ता है।भगवान प्रेम सुनीत व सद्भाव कि भूखे होते हैं,उन्हें आपकी सत कर्मों से ही प्रेम होता है। 


यह बातें राजगुरु पंडित राजेश पति त्रिपाठी ने श्रीमद्भागवत  के सप्ताह कथा में विकाश खण्ड बाबा बेलखरनाथ अंतर्गत शिवसत गांव में कहीं।


उन्होंने ध्रुव महाराज के सन्यास को लेकर उनके आचरण की चर्चा करते हुए कहा कि यदि  भक्त प्रेम से भगवान को याद करता है तो वह हर वक्त साथ खड़े होते हैं। 


उन्होंने कहा कि आज समाज में सुनीत की कमी होती जा रही है ।इससे परिवारों व समाज में वैमनस्यता बढ़ती जा रही है ।


इसके लिए समाज के लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें अपने बच्चों सद्भाव व संस्कृति के साथ-साथ संस्कार को भी देना चाहिए। 


परिवार में प्रेम व छोटे बड़ों का सम्मान के साथ-साथ उनके साथ रहने का आचरण सिखाना चाहिए, उन्होंने कहा कि नाम का भी प्रभाव बहुत अधिक होता है। 


इसलिए अपने बच्चों का नाम रखते वक्त बहुत ही सोच समझ कर रखना चाहिए संगीतमय कथा में लोग मंत्रमुग्ध हो गए थे । 


भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे थे कथा के प्रमुख यजमान श्रीवास्तव ने कथा अंत में भगवान की आरती करके प्रसाद का वितरण किया। 


उक्त अवसर पर हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव,गणेश बहादुर सिंह, महेंद्र सिंह, दिनेश श्रीवास्तव, रमा नायक, वीरेंद्र पांडेय, लल्लू सिंह ,शेखर सिंह, रामनिवास समेत सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष कथा श्रवण किया और प्रसाद ग्रहण किया।

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