Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

मनकापुर रेलवे क्रासिंग के जाम से आखिर कैसे मिले निजात, अपनी जिम्मेदारियों के प्रति उदासीन है जिम्मेदार

गोण्डा:पुलिस के कमाऊं नीति के चलते मनकापुर रेलवे क्रासिंग 245spl b के जाम के झाम से निजात नही मिल पा रहा है। जिससे आये दिन लोगो को हलकान होना पड़ता है। वही यातायात प्रशिक्षित पुलिस जवान हल्के की कमान संभालने में मस्त है।

वीडियो


बताते चले कि सरयू सिंह गुमटी स्थित मनकापुर रेलवे क्रासिंग 245spl बी उतरौला ,नवाबगंज,गोण्डा और बभनान के मार्ग का चौराहा है जो रेलवे क्रासिंग होने के कारण चौराहे को दो तरफा तिराहा में तब्दील कर देता है। 



इस रेलवे क्रासिंग से सवारी व माल गाड़ी प्रति आठ घण्टे में लगभग 35 से 40 ट्रेन गुजरती है। इस अनुमान से लगभग प्रति 15 मिनट पर रेलवे क्रासिंग बंद हो जाता है।



कड़े जाम से गुजरते है लोग

सुबह शाम नौनिहाल जब विद्यालय जाते है तो यही समय डियूटी या अपने प्रतिष्ठानों को जाने वाले लोगों व दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों से मनकापुर सब्जी मंडी में जाने वाले लोगों की भारी भीड़ होती है।वही शाम को भी यही हाल होता है।



जिन्दगी और मौत से भी जूझते है लोग

इस जाम के झाम में अक्सर गर्भवती महिलाओं या अन्य मरीजों को भारी परेशानी तब होती है जब उन्हें आपातकालीन परिस्थितियों में तत्काल चिकित्सक के पास जाना होता है लेकिन बेरहम रेलवे क्रासिंग का जाम उन्हें जिंदगी और मौत के जद्दोजहद से जूझने को मजबूर कर देता है।



जनप्रतिनिधियों,अधिकारियों की भी झलकती है उदासीनता

ऐसा नही है कि इस रेलवे क्रासिंग से केवल आम लोग ही गुजरते है, इस रेलवे क्रासिंग से अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का भी आवागमन होता रहता है, जहां वे भी इस जाम के झाम के शिकार होते है लेकिन इस समस्या के निजात के लिए कभी किसी ने कोई पहल नही किया।




ट्रेनों का आवागमन भी होता है बाधित

ऐसा भी देखने को मिलता है कि जब कोई ट्रेन इस रूट से गुजरती है तब तब क्रासिंग के दोनो तरफ दूर दूर तक गाड़ियों का लंबा काफिला खड़ा हो जाता है,ट्रेन जाते ही रेलवे गेट को गेटमैन द्वारा खोला जाता है लेकिन लगे जाम का कारवां खत्म होने का नाम नही लेता तबतक दूसरी ट्रेन के आगमन का संकेत हो जाता है।जिससे गेटमैन द्वारा गेट को बंद करने के लिए पूरा प्रयास किया जाता है, लेकिन गेट बंद नही हो पाता है इस दौरान जाम में फंसी गाड़ियां गुजर रही होती है। जिससे ट्रेन को आउटर पर ही खड़ा कर दिया जाता है। जिससे ट्रेनों का आवागमन भी बाधित होता है।




जाम का मुख्य कारण

गेट बंद होने के उपरांत राहगीरों द्वारा गेट के दोनों तरफ दोनो साइड से अपनी सुविधानुसार वाहन लगा लिया जाता है, और गेट खुलते ही दोनों तरफ के दोनों साइड पर वाहन आमने सामने से गुजरते है जिससे जाम घटने के बजाय बढ़ जाता है।



जाम से कैसे मिले निजात

स्थानीय पुलिस द्वारा गेट के दोनो तरफ गेट बंद होते ही कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग की जाए जिससे लोग यातायात नियमानुसार अपने साइड से ही खड़े हो और यातायात नियमानुसार गेट खुलने पर निकले।



रेलवे के पास भी है विकल्प

लखनऊ स्थित निशांतगंज ओवरब्रिज के नीचे बने रेलवे क्रासिंग के तर्ज पर इस रेलवे फाटक का निर्माण हो जिससे राहगीर यातायात नियमानुसार रेलवे क्रासिंग पार करेंगे और जाम से काफी निजात मिलेगी।



पुलिस निष्क्रियता भी है अहम

 हर स्थित से निपटने के थाना कोतवाली में पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है,लेकिन जाम से निपटने के लिए होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है। अपरिहार्य परिस्थितियों में ही सिपाही या दारोगा इस जाम से निजात दिलाने में अपनी भूमिका निभाते है। उम्मीद है कि सिपाही व दरोगा स्तर के सक्रिय जवानों के तैनात रहने पर भी लोगो द्वारा बखूबी यातायात का पालन किया जाएगा जिससे जाम से काफी हद तक निजात मिल सकती है।

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे