अलीम खान/राज कुमार मिश्रा
अमेठी:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला अमेठी के नगर मुसाफिरखाना में 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में गोष्ठी किया गया।
जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी प्रांत के प्रांत ससोशल मीडिया संयोजक राहुल कौशल विद्यार्थी ने बताया कि हर वर्ष,8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था।
1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया।
इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है। वहीं एबीवीपी के जिला सोशल मीडिया संयोजक विनय तिवारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है।
संस्कृत में एक श्लोक है- 'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।
वही एसबीआई सिटी कंप्यूटर सेंटर के संचालक एवं नगर अध्यक्ष दुर्गेश ओझा ने संबोधन करते हुए कहा किबच्चों में संस्कार भरने का काम मां के रूप में नारी द्वारा ही किया जाता है।
यह तो हम सभी बचपन से सुनते चले आ रहे हैं कि बच्चों की प्रथम गुरु मां ही होती है। मां के व्यक्तित्व-कृतित्व का बच्चों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार का असर पड़ता है।
इसमें शैलेंद्र बहादुर यादव , पूजा, शिवानी, आरती आदि सैकड़ों छात्र छात्राएं मौजूद रही |
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