अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे प्रधानमंत्री अति की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना गर्भवती महिलाओं के लिए बरदान सिद्ध हो रही है ।
योजना का मुख्य उद्देश्य है काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम व पोषण को सुनिश्चित करना।
जिससे गर्भवती महिला एव उसका बच्चा सुरक्षित रहे । गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार तथा मातृ एव शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु पोषण खान पान के लिए नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा।
योजना की लाभ राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है ।
सरकार द्वारा किश्तों में राशि का भुगतान किया जाता है। पहली किस्त: 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय, दूसरी किस्त: 2000 रुपए,यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं ।
तीसरी किस्त: 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है ।
मुख्यचिकित्सा अधिकारी सभागार में सभी ब्लॉक के मेडिकल ऑफिसर व आशा संगनी का प्रधानमंत्री मातृ वंदना का दो दिवसीय प्रशिक्षण में सिफ्सा लखनऊ से आए कार्यक्रम अधिकारी यू0सी0 पंत द्वारा बताया गया की मातृ वंदना योजना के लाभार्थी को अपना केवाईसी करना जरूरी है।
लाभार्थियों को किसी को किसी प्रकार की ओटीपी नही बताना है। स्टेट टीम के कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार द्वारा लाभार्थियों का करेक्शन क्यू को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है उसके बारे में सारे एमसीटीएस आपरेटर को बताया गया।
लखनऊ साझी दुनिया संस्थान के शावेज़ वारिस और तसनीम फातिमा द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया ।
जिला कार्यक्रम सहायक पुनीत मणि त्रिपाठी द्वारा बताया गया की बलरामपुर में पहली बार गर्भवती महिलाओ के लिए मातृ वंदना योजना वरदान साबित हो रही है ।
उन्होंने बताया कि अभी तक 62687 लाभार्थियों को 26 करोंड 53 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सुशील कुमार ने बताया की मातृ वंदना योजना में जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है । जिलाधिकारी द्वारा जिला स्वास्थ्य स्वास्थ्य बैठक में प्रशंसा भी की गई ।
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