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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के सत्यापन हेतु होगा सोशल आडिट:डीएम



विनोद कुमार

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने बताया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के हितग्राहियों के सत्यापन हेतु सोशल आडिट कराये जाने का निर्देश उ0प्र0 शासन द्वारा दिया गया है। 


सोशल आडिट में ग्रामसभा द्वारा पी0एम0 किसान का लाभ प्राप्त कर रहे हितग्राहियों का अवलोकन कर अपात्र लाभार्थियों के बारे में जानकारी एवं अब तक योजना के लाभ से वंचित पात्र लाभार्थियों का चिन्हांकन करते हुये लाभ प्रदान कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। 


सोशल आडिट के अनुश्रवण एवं क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर समिति का गठन किया गया है। इस समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विका अधिकारी उपाध्यक्ष, उप कृषि निदेशक सचिव तथा जिला विकास अधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, जिला कृषि अधिकारी सदस्य बनाये गये है। 


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सोशल आडिट दिनांक 13 मई से ग्राम पंचायतवार किया जायेगा जो दिनांक 30 जून तक पूर्ण हो जायेगा। 


ग्राम पंचायत में सोशल आडिट के समय प्राविधिक सहायक/ए0टी0एम0/बी0टी0एम0, लेखपाल एवं ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी अपने अभिलेखों सहित उपस्थित रहेगें। 


सोशल आडिट हेतु राजस्व विभाग, ग्राम्य विकास विभाग एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों को नामित कर दिया गया है।


उन्होने बताया है कि ग्रामसभा में सोशल आडिट के दौरान सूची पढ़कर सुनाते समय ऐसे लाभार्थी जो भूमिहीन है अथवा मृतक हो गये है अथवा अन्य कारणों से अपात्र है को चिन्हित किया जायेगा। 


भूमिहीन के प्रकरण में मौके पर उपस्थित लेखपाल सत्यापन करेगें तथा मृतक लाभार्थियों का मृत्यु प्रमाण पत्र सचिव ग्राम पंचायत द्वारा कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी को उपलबध कराया जायेगा। 


मृतक लाभार्थी के वारिसान का कृषि विभाग उनके नाम हस्तान्तरित हो जाने की दशा में पात्रता के आधार पर पूर्व प्रदत्त निर्देशों के अनुसार घोषणा पत्र भरवाते हुये ओपेन सोर्स से पंजीकरण कराया जायेगा। 


सूची में ऐेसे परिवार (पति, पत्नी एवं नाबालिक बच्चे) जिनमें 01 से अधिक व्यक्ति पीएम किसान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे है का चिन्हीकरण करते हुये अन्य सदस्यों का स्टाप पेमेन्ट करने हेतु कार्यवाही की जायेगी। 


योजना के प्रारम्भ में पोर्टल पर ग्रामों के तहसीलवार मैपिंग में कतिपय त्रुटियों के कारण एक तहसील के ग्राम अन्य तहसील में प्रदर्शित हो रहे थे ऐसी स्थिति में कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय से ऐसे ग्रामों का सोशल आडिट वास्तविक तहसील में ही करायेगें। 


किसी एक ग्राम की उपलब्ध सूची में ऐसे कृषक भी हो जो वास्तव में उस ग्राम, तहसील अथवा जनपद के निवासी न होकर किसी अन्यत्र स्थान के निवासी है परन्तु उनकी भूमि उस ग्राम में है। 


ऐसे कृषकों को आवासीय पते के आधार पर अपात्र न किया जाये अपितु सम्बन्धित ग्राम के भू अभिलेखों के आधार पर इनकी पात्रता की जांच करते हुये निर्णय लिया जाये।


जिलाधिकारी ने पीएम किसान के पात्रता के सम्बन्ध में बताया है कि सभी भूमिधरी किसान परिवार जिनके नाम से कृषि योग्य भूमि है वे योजना के लिये पात्र है। 


अपात्रता के श्रेणी में संस्थागत भूमि स्वामी, कृषक परिवार जिनके एक या अधिक श्रेणी के सदस्य है ।


जिनमें भूतपूर्व एवं वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, केन्द्र व राज्य सहायतित अर्द्धसरकारी संस्थान तथा राज्य सरकार से सम्बद्ध समस्त कार्यालय व स्वायत्तशासी संस्थान तथा स्थानीय निकायों के नियमित कार्मिक चतुर्थ श्रेणी समूह घ के कार्मिकों को छोड़कर, सेवा निवृत्त पेंशन धारक जिसकी पेंशन रूपये 10 हजार या उससे अधिक है चतुर्थ श्रेणी समूह घ के कार्मिकों को छोड़कर, पिछले मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले सभी व्यक्ति, पेशेवर डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, चार्टर्ड एकाउन्टेण्ट व आर्किटेक्ट आदि जो पेशेवर के लिये पंजीकरण करने वाले संस्था में पंजीकृत है और अपना पेशा कर रहे है।

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