रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। भूमि विवाद के मामलों में पुलिस की शिथिल कार्रवाई लोगों के लिए भारी पड़ रही है।
मजिस्ट्रेट के आदेश के बावजूद तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी कुर्की के आदेश का अनुपालन नही कराया गया।
जबकि विवादित भूमि पर किसी भी प्रकार का कब्जा व जुताई बोवाई को रोकने व खेत में लगी फसल को भी कुर्क करके का आदेश हुआ फिर भी पुलिस ने कार्रवाई नही की।
कटरा बाजार पुलिस के लिए मजिस्ट्रेट का आदेश कोई मायने नही रखता है यह साबित करते हुए पुलिस ने रिपोर्ट सौंपी जिसमें लिखा गया है कि सम्बंधित प्रकरण में कार्रवाई की आवश्यकता प्रतीत नही होती है।
मामला थाना कटरा बाजार के ग्राम पहाड़ापुर से जुड़ा है। जहां दो पक्षों के बीच भूमि विवाद के मामले में एसडीएम ने 2018 में जमीन को कुर्क करने का आदेश दिया।
उसके बाद पुनः आदेश जारी किया उसके चार माह बाद भी पुलिस आदेश का अनुपालन नहीं करा सकी है। जिस पर पीड़ित पक्ष ने पुनः इसकी शिकायत एसडीएम से की।
एसडीएम ने थानाध्यक्ष कटरा बाजार को आदेश का अनुपालन कराने के निर्देश दिए हैं। तहसील करनैलगंज के ग्राम देवापसिया निवासी शिवकुमार के प्रार्थना पत्र पर उप जिलाधिकारी ने 20 जनवरी 22 को धारा 145 के अंतर्गत ग्राम पहाड़ापुर में उसकी विवादित भूमि को कुर्क करने के निर्देश दिए गए थे।
जिसमें कहा गया है कि 20 नवंबर 2018 के अनुसार कुर्की का आदेश दिया गया था। जिसका अनुपालन अब तक नहीं कराया गया है। जिसमें पुनः 20 जनवरी को कुर्की का आदेश जारी किया गया।
उसके बावजूद कटरा बाजार पुलिस ने 4 महीना बीत जाने के बाद अब तक जमीन की कुर्की नहीं कराई है। पीड़ित शिवकुमार का कहना है कि उसके नाम की जमीन को गांव के दबंगों द्वारा जबरन कब्जा किया गया है और पुलिस उप जिलाधिकारी करनैलगंज व परगना मजिस्ट्रेट करनैलगंज के आदेश को नहीं मान रही है।
इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी मुन्ना उपाध्याय का कहना है कि यदि उप जिलाधिकारी के न्यायालय से कुर्की का आदेश जारी किया गया है तो उसका पालन कराने के लिए थानाध्यक्ष कटरा बाजार को निर्देशित किया जा रहा है।
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