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धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज की स्मृति में डाक टिकट जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ाया गौरव



वेदव्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़ में जन्मे स्वामी करपात्री जी महाराज ने काशी में यथोचित ज्ञान प्राप्त किया और पूर्ण रूप से सन्यासी बन गए।


अपनी धार्मिक यात्राओं के माध्यम से समाज में ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने वाले स्वामी करपात्री जी महाराज ने तमाम महत्वपूर्ण पुस्तकें और ग्रन्थ भी लिखे। 


उन्होंने 1940 में धर्म संघ की स्थापना की। श्री धर्म संघ शिक्षा मंडल, काशी की स्थापना कर इसके अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर संस्कृत विद्यालयों की स्थापना का श्रेय भी उन्हें जाता है। 


जीवन के अंतिम समय तक आसक्ति, अहंकार और कर्मासक्ति से स्वतंत्र रहते हुए वे उत्साहपूर्वक वैदिक धर्म संस्कृति के संवर्धन में लगे रहे।


भारत सरकार ने गौ रक्षक धर्मसम्राट स्वामी करपात्री महराज के स्मृति में डाक टिकट जारी कर 7 नवंबर 1966 के आंदोलन में शहीद हुए सभी सनातनीयों का सम्मान किया है। 


धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज के स्मृति में भारत सरकार के द्वारा डाक टिकट जारी किया गया केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वामी करपात्री महाराज पर ₹5 मूल्य का डाक टिकट जारी किया।

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