विनोद कुमार
प्रतापगढ़:आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतीय भाषा आंदोलन का शंखनाद पूरे देश में चल रहा है ।
उसी क्रम में वीरांगना न्यायाग्रह यात्रा काशी से ग्वालियर तक 14 जून से 18 जून तक निकल रही है यह यात्रा काशी से चलकर प्रयागराज होते हुए 15 जून को प्रातः 9:00 बजे प्रतापगढ़ पहुंचेगी जिसका प्रतापगढ़ की धरती पर भव्य स्वागत 15 जून को प्रातः 9:00 तुलसी सदन हादी हाल में जनमानस के मध्य एक सभा के आयोजन के साथ होगा।
जिसमें मुख्य वक्ता अरुण भरद्वाज राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय भाषा आंदोलन रहेंगे। यह तो मातृभाषा कठोर न्याय अर्थात जनता को न्याय जनता की भाषा में यह इस आंदोलन का मुख्य लक्ष्य है।
इस कार्यक्रम के संयोजक व उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुधांशु ओझा ने कहा कि आज भारत को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो गए हैं किंतु अभी तक न्याय की भाषा अंग्रेजी बनी हुई है ।
जो जनता के हित में नहीं है आज आवश्यकता है की जनता को न्याय जनता जनार्दन की भाषा में होना चाहिए जब देश स्वतंत्र हुआ तो राज्यों का गठन भाषा के आधार पर हुआ जब हमारे देश के राज्य देश में राज्यों का गठन भाषाई आधार पर किया जाता है तो जनता को उसी भाषा में न्याय क्यों नहीं प्रदान किया जा सकता जब तक देश के सभी स्तरों के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में कार्य नहीं होता तब तक जनता को वास्तविक न्याय प्राप्त होना असंभव है ।
विधि और न्याय से संबंधित प्रक्रिया साहित्य पुस्तकें नियमावली विधि शब्दावली हिंदी और प्रादेशिक भाषाओं में उपलब्ध होना चाहिए तथा विधिक शिक्षा और प्रवेश परीक्षा का माध्यम भी हिंदी तथा अन्य प्रादेशिक भाषाओं में होना चाहिए कार्यक्रम में आगे अधिवक्ता सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि आज इस आंदोलन को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है तथा इसमें समाज के प्रत्येक प्रबुद्ध वर्ग अधिवक्ता, शिक्षक, व्यवसाई, राजनेता, समाज के संभ्रांत नागरिक गण छात्र, अभिभावक तथा मातृशक्ति को साथ मिलकर आंदोलन को उचित दिशा देने की जरूरत है ।
जिससे इस आंदोलन का लक्ष्य जनता को जनता की भाषा में न्याय मिल सके।
इस अवसर पर रमाशंकर शुक्ल, दिनेश सिंह, रमेश पटेल, सत्य प्रकाश पांडे, बीके द्विवेदी, संजय तिवारी, पंकज प्रभात, राजेश मिश्रा, संजीत, अजय पांडे, अजय मौर्य आदि उपस्थित रहे
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