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BALRAMPUR...आपत्तिजनक टिप्पणी का थारुओं ने किया विरोध


अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के पचपेड़वा विकासखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में निवास कर रहे आदिवासी समाज के थारू जनजाति परिवार के तमाम लोगों द्वारा उत्तराखंड राज्य के ऐक प्रोफेसर द्वारा लिखी गई पुस्तक मे थारू जनजाति के लिए अभद्र शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया गया । थारू जनजाति के सैकड़ों लोग शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया तथा राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन अपर जिला अधिकारी को साफ कर किताब को प्रतिबंधित कराने तथा लेखक के ऊपर कार्यवाई कराने की मांग की है ।



थारू जनजाति समाज उत्थान समिति के महामंत्री बलराम थारू ने जानकारी दी है कि "उत्तराखंड का समग्र राजनीतिक इतिहास" नामक पुस्तक उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के प्रोफेसर अजय सिंह रावत द्वारा लिखी गई है । पुस्तक में थारू समाज के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिसके कारण ठाकुर समाज के लोगों में आक्रोश पनप रहा है । उन्होंने बताया 29 जुलाई को थारू समाज के लोग बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना प्रदर्शन किए तथा अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपकर किताब को तत्काल प्रतिबंधित कराने तथा प्रोफेसर अजय कुमार के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाई करने के लिए मांग किया गया है । मांग पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रोफेसर अजय सिंह रावत ने जानबूझकर थारू समाज को आघात पहुंचाने के उद्देश्य उनके समाज के लिए अभद्र टिप्पणी की है । उन्होंने बताया कि हम लोग महाराणा प्रताप के वंशज हैं, जबकि किताब में चमार व पियक्कड़ जैसे शब्दों का प्रयोग थारू समाज के लिए किया गया है । 



प्रोफेसर रावत के कृत्य की हम लोग निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि तत्काल किताब को प्रतिबंधित कर बाजारों में भेजी गई पुस्तकों को वापस कराया जाए। साथ ही लेखक प्रोफेसर अजय सिंह रावत के विरुद्ध कार्यवाई की जाए । धरना प्रदर्शन के दौरान अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भुसहर उंचवा के ग्राम प्रधान धनीराम थारु, चंदनपुर के ग्राम प्रधान फूलमती थारू, कोहरगड्डी की ग्राम प्रधान नीलम थारू सेरहवा के ग्राम प्रधान सुनील कुमार थारू, सुगानगर डुमरी के ग्राम प्रधान पलटू राम थारू, बिशुनपुर विश्राम के ग्राम प्रधान अक्षय थारू, रामबली थारू, कल्लू मुखिया, बलराम थारू, हरिराम थारू, अजय प्रताप, बैजनाथ थारू तथा हिमेंद्र साहू सहित सैकड़ों थारू जनजाति के महिला व पुरुष धरना प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे ।

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