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BALRAMPUR...शैक्षणिक भ्रमण के अंतिम दिन छात्र-छात्राओं ने किया जीवाश्मों का सजीव अध्ययन

अखिलेश्वर तिवारी 
जनपद बलरामपुर के एमएलके पीजी कॉलेज में वनस्पति विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राओं का एक दल दुर्लभ वनस्पतियों के अध्ययन तथा संग्रह के लिए उत्तराखंड राज्य के नैनीताल क्षेत्र में शैक्षणिक भ्रमण पर गया हुआ है । भ्रमण के अंतिम दिन रविवार को छात्र-छात्राओं ने जीवाश्म का सजीव अध्ययन तथा संग्रह किया ।
2 नवंबर को भ्रमण के अंतिम दिन विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन के नेतृत्व में शैक्षणिक भ्रमण समन्वयक डॉ. मोहम्मद अकमल व श्रवण कुमार के निर्देशन में एमएससी बॉटनी प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने रानीखेत क्षेत्र में कई दुर्लभ वनस्पतियों का अध्ययन किया। रानीखेत में छात्र-छात्राओं ने जिंगो बाईलोबा, टेक्सस, क्रिपटोमेरिया जेपोनिका  जैसी जीवित जीवाश्म प्रजातियों के साथ-साथ कोक्लस सहित कई औषधीय पौधों की पहचान की, उनके वैज्ञानिक महत्व को समझा तथा उनका लाइव अध्ययन किया ।
 वन विभाग के अनुसंधान अधिकारी मनोज सिंह ने विद्यार्थियों को कोरनस केपिटाटा , थनबरजिया , जूनिपैरस मेकरोपोडा  जैसे पौधों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया। उन्होंने बताया कि जूनिपैरस मेकरोपोडा की सुगंधित लकड़ी का उपयोग धूप बनाने में किया जाता है, जिसे स्थानीय लोग “भिडारू” नाम से जानते हैं। भ्रमण के अंतिम चरण में छात्र-छात्राओं ने कौसानी और रानीखेत के प्रमुख स्थलों का दौरा किया। कौसानी में गांधी आश्रम, शॉल फैक्ट्री और टी गार्डन का भ्रमण कर छात्र-छात्राओं ने नई जानकारियाँ हासिल कीं और पर्यावरण संरक्षण व औषधीय पौधों के अध्ययन के महत्व को समझा। कौसानी में गांधी आश्रम को अनासक्ति आश्रम के नाम से जाना जाता है। महात्मा गांधी 1929 में लगभग दो सप्ताह के लिए यहाँ ठहरे थे और इसी दौरान उन्होंने भगवद् गीता पर अपनी टिप्पणी 'अनासक्ति योग' लिखी थी। इसी क्रम में कौसानी में एक प्रसिद्ध शॉल फैक्ट्री है, जिसे अक्सर पर्यटक देखना और वहाँ से खरीदारी करना पसंद करते हैं। यह फैक्ट्री स्थानीय कुमाऊँनी शिल्प को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोज़गार प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित की गई थी। छात्र-छात्राओं ने कालिका मंदिर व मनकामेशवर मंदिर में दर्शन किए। रानीखेत का कालिका मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो देवी काली को समर्पित है। यह रानीखेत से लगभग 5-6 किमी की दूरी पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। रानीखेत का मनकामेश्वर मंदिर भगवान शिव, मां काली और राधा-कृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। इसका निर्माण 1978 में कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर द्वारा किया गया था और यह भारतीय सेना के परिसर के अंदर स्थित है। मंदिर अपनी शांति और अच्छी तरह से रखरखाव के लिए जाना जाता है । इस शैक्षणिक भ्रमण में  मोहम्मद फैज, सौम्य पाण्डेय , उपेन्द्र पाण्डेय, रिचा उपाध्याय, इप्सिता त्रिपाठी,फूलमती, बसंती मिश्रा , अंबिका मिश्रा , सौम्या सिंह , अदिति   त्रिपाठी उपस्थित रहेl

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