रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा नदी के जलस्तर में काफी तेजी से बढ़ोतरी शुरु हो गई है और 3 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जलस्तर का बढ़ना जारी है इस बार बढ़ रहे जलस्तर से बांध को खतरा पैदा हो गया है।
घाघरा के जलस्तर में अचानक तेजी से हो रही बढ़त से एक बार फिर एल्गिन-चरसडी बांध को खतरा पैदा हो गया है। लगातार हो रही बरसात से बांध पर जबरदस्त रेंकट्स होने के कारण बांध बेहद कमजोर स्थिति में आ गया है।
लगातार बढ़ते जलस्तर ने बांध के आसपास गांव के ग्रामीणों का सुकून व नींद हराम कर दिया है। इस दौरान करीब छह किलोमीटर लंबे बांध के किनारे कटान की स्थिति बनी हुई है। लगातार सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
शुक्रवार शाम को जलस्तर खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर नीचे यानी 105.766 पर था। वहीं शनिवार को सुबह को 13 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया। दोपहर को जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान को पार करके 6 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। उस समय पानी का डिस्चार्ज 4 लाख 1 हजार 614 क्यूसेक रहा।
शाम होते होते जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई। शाम तक घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 8 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। रविवार को जलस्तर में बढ़ोत्तरी अधिक होने की सम्भावना जताई जा रही है।
यह जलस्तर तेजी से बढ़त बनाए हुए है जो खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर जाने कि आशंका है। उधर लगातार तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने बांध की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। जगह जगह रैंकट्स हो गए है।
कई जगहों पर बांध में दरार आने की सम्भावना पैदा हो गई है। बांध के किनारे बसे गांव में ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ी हुई है। अधिकांश स्थानों पर नदी बांध के किनारे से बह रही है जिससे बांध को भी खतरा कम नहीं है।
ग्रामीण बांध पर अपना आशियाना बना चुके हैं। बांध की देखरेख में लगे अधिकारी बांध पर बने कैंप कार्यालय में बैठकर जलस्तर देख हैं और बांध की सुरक्षा के प्रति उनकी सजगता दिखाई नहीं दे रही है।
बांध पर निगरानी में लगे अधिकारियों की लापरवाही बांध पर भारी पड़ सकती है। बांध पर मौजूद सहायक अभियंता अमरेश सिंह का कहना है कि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है मगर डिस्चार्ज घटने की उम्मीद है।
जिससे अभी तक बांध को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
उधर एसडीएम हीरालाल का कहना है कि बांध के किनारे बसे गांव के आसपास बाढ़ चौकियां एलर्ट मोड़ पर हैं। बांध की निगरानी कराई जा रही है।
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