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तपस्वी छावनी महंती विवाद: मंदिर में बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने की मांग



डीएम और डीआईजी से मिले परमहंस आचार्य के समर्थक संत महंत

वासुदेव यादव 

अयोध्या। आचार्य पीठ तपस्वी छावनी के महंती को लेकर चल रहे विवाद में गुरुवार को दूसरा पक्ष भी पुलिस और प्रशासन के पास पहुंचा। 


डीएम और डीआईजी से मुलाकात कर बाहरी लोगों का मंदिर में प्रवेश रोकने की मांग की है। प्रार्थना पत्र के साथ महजरनामा की प्रति भी सौंपी है। 


बुधवार को धर्मनगरी के प्रमुख संत महंतों ने पुलिस प्रशासन से मुलाकात कर ट्रस्ट के निर्णय का अनुपालन कराने और विवाद तथा हस्तक्षेप रोकने की मांग की थी।


गौरतलब है कि कि रामघाट स्थित तपस्वी छावनी के महंत सर्वेश्वर दास की 30 अगस्त को मौत हो गई थी,  इसको लेकर 12 सितंबर को मंदिर परिसर में भंडारा और नए महंत की ताजपोशी के लिए कंठी चादर का कार्यक्रम होना है। 


भंडारा के पहले ही मंदिर की महंती को लेकर गोलबंदी शुरू हो गई है। वर्ष 2019 में महंत सर्वेश्वर दास की ओर से पीठ के संचालन के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया था।


उनके निधन के बाद ट्रस्ट की ओर से 2 सितंबर को बैठक कर सर्वसम्मति से जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद के दिलीप दास को अध्यक्ष और पदेन महंत चुना गया है। 


वही  परमहंस  आचार्य खुद को मंदिर का महंत बता रहे हैं। विवाद को लेकर धर्म नगरी के साधु-संत गोल बंद है। 


बुधवार को पचासों की तादात में प्रमुख संत-महंतों ने डीआईजी और एडीएम सिटी व एसपी सिटी से मुलाकात थी थी।


गुरुवार को कई साधु-संतों के साथ  परमहंस आचार्य ने जिलाधिकारी नीतीश कुमार और डीआईजी एपी सिंह से मुलाकात की। 


दोनों अधिकारियों को प्रार्थना पत्र के साथ महजरनामा की प्रति सौंपी। दावा किया कि 18 जुलाई 2017 को महंत सर्वेश्वर दास ने राम नगरी के साधु-संतों की मौजूदगी में उनको सरवराहकार व महंत घोषित किया था। 


तभी से तपस्वी पीठ के संचालन और देखरेख का सर्वाधिकार उनके पास है। 2019 में सर्वेश्वर दास की ओर से ट्रस्ट का गठन किया गया, जबकि उनको इसका अधिकार ही नहीं था। 


इसी ट्रस्ट के बहाने कुछ लोग विवाद खड़ा करना चाहते हैं। ऐसे में मंदिर परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। 


प्रतिनिधिमंडल में मं. माधव दास, मं. जगदीश दास, मं. नंदराम दास, मं. राम चरण दास, बलराम दास, इंद्रदेव दास, सत्यदेव दास, पहलवान राजेश दास, पुजारी हेमन्त दास, दिनेश दास, अजीत दास, राम करन दास, राम नारायण दास, पार्षद रमेश दास, विजय दास, सुरेंद्र दास, देवेशाचार्य, विराट दास समेत अन्य नागा साधु-संत मौजूद रहे।

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