रिपोर्ट:- राजकुमार शर्मा
बाबागंज (बहराइच)। विकाशखण्ड नवाबगंज के क्षेत्र के दर्जनों गाँवो में लगी फसलो को इन छुट्टा गाये,बैल व साँडों के द्वारा नष्ट किया जा रहा है।बाबागंज,बिसुनापुर,बिजलीपुर, बशभरिया,बनकुरी,भटपुरवा, भवानीयपुर, बरगदहा, पण्डितपुरवा, पल्टनपुरवा, वीरपुर,सोरहिया, गनेशपुर, रामनगर,करीमगाँव, सुजौली, माधोरामपुरवा, चिलबिला, कलवारी, गंगापुर,रामपुर,सहित दर्जनोगावों में लगी फसल अरहर,धान,मक्का,उरद, मिर्ची, बैगन,टमाटर को इन दर्जनों की संख्या में छुट्टा जानवरो के द्वारा नष्ट किया जा रहा है। वही गाँवो के किसान भाइयों को रात-रात जाग कर पहरा देकर इन फसलों की देख भाल करनी पड़ रही है।वही वीरपुर निवासी रामनगीना वर्मा,रामकुमार वर्मा, प्रहलाद वर्मा , सूरज मिश्रा, श्याम बिहारी आर्य, राजेश आर्य, मनोज कुमार, निरंजन पांडे,बीसी पंकज वर्मा, बीसी मालीराम राम वर्मा, मतिउल्लह शाह, अहमद हुसैन, इन लोगों का कहना है, कि इन छुट्टा जानवरों को इकट्ठा घेरकर 10किमी0 की दूरी पर अंधेरे रात में हम लोग छोड़ आते हैं ।परंतु पता नहीं किस तरीके से यह उसी खेत में पहुंच जाते हैं। जहां उन्होंने पहले उस खेत को नष्ट किया है ।उसी खेत को यह तहस-नहस करते हैं ।झुंड के झुंड एक ही खेत में पहुंच जाते हैं ।सारी फसल को नष्ट कर देते हैं ।कहीं बाढ़ की मार तो कहीं छुट्टा जानवरों की मार प्रशासन की ओर से इस विकट समस्या की अनदेखी की जा रही है । जिससे किसानो को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इन जानवरों के आतंक से परेशान किसानों का का कहना है की योगी सरकार आते ही जानवरों की कालाबाजारी व अवैध बूचड़खाने बंद हो गए यह अच्छी बात है परंतु छुट्टा जानवरों की बाढ़ आ गई है। इस पर अभी तक कोई लगाम नहीं लगाई गयी है। इस समस्या को न कोई जनप्रतिनिधि सुलझाना चाहता है ।और ना ही अधिकारी कर्मचारी किसान परेसान हो,सरकार को कोष रहा है। कर्जमाफी से क्या फायदा जब दूसरे कर्ज की नौबत आ जाए इन छुट्टा जानवरों की वजह से। विदित हो कि इन दिनों मवेसी न केवल खेतो में बल्कि सडकों पर भी घूमते दिख रहे हैं।
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