बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज से सटे नैनिहा गांव की दलित कॉलोनी में तेंदुए ने बालिका पर हमला कर दिया। तेंदुए के पंजे से उसके सिर में जख्म हो गया। वन रेंज को घटना की सूचना देकर घायल बालिका को मोतीपुर सीएचसी ले जाया गया। चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया है।
मोतीपुर थाने के नैनिहा गांव की 54 नम्बर दलित कॉलोनी मोतीपुर रेंज में जंगल से सटी हुई है। यहां मंगलवार की देर रात तेंदुआ रामानुज के घर में घुसा। तेंदुए ने उसकी 9 वर्षीय बेटी संगनी पर झपट्टा मारा, जिससे बालिका के सिर में पंजा लगने से गंभीर जख्म हो गया। बालिका की चीख पर परिजनों ने शोर मचाया तो तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
ग्रामीणों ने इसकी सूचना रेंज कार्यालय को दी। काफी देर बाद तक जब टीम नहीं पहुंची, तो घायल को मोतीपुर सीएचसी लाया गया। मोतीपुर के रेंजर खुर्शीद आलम अपनी टीम के साथ सीएचसी पहुंचे। चिकित्सकों ने घायल बालिका की हालत गंभीर होने पर उसे प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रेंजर खुर्शीद आलम व उनकी टीम ने बालिका को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। तीन सप्ताह के भीतर तेंदुआ तीन बच्चों सहित चार को घायल कर चुका है।
घटना की सूचना मिलते ही डीएफओ जीपी सिंह जिला अस्पताल पहुंचे। घायल बालिका के परिजनों को इलाज के लिए पांच हजार रुपये मुहैया कराया गया है। डीएफओ ने बताया कि वन विभाग की टीमों को सतर्क किया गया है। ग्रामीणों से भी सावधानी बरतने को कहा गया है।
बॉक्स में:-
माँ ने मौत के चंगुल से बेटी को बचाया
बताते हैं कि रात नौ बजे के आसपास सुनैना खाना बना रही थी। उसने अपनी नौ वर्षीय बेटी संजनी को खाना खाने के लिए बुलाया। संजनी घर के मुख्य द्वार पर स्थित हैंडपंप पर हाथ धोने के लिए गई। इसी दौरान घर के सामने छिपे बैठे तेंदुए ने हमला कर संजनी के सिर को दबोच लिया।
बेटी की चीख सुनकर मां बाहर निकली और नजारा देखकर तेंदुए पर लात-घूसों की बौछार करते हुए जबड़े से बेटी को खींच लिया। इस दौरान तेंदुआ फिर हमलावर हो गया। इसे देख दिख वह दौड़कर चूल्हे की जलती हुई लकड़ी निकालकर लाई और तेंदुए का सामना करते हुए शोर मचाया। 20 मिनट तक चले इस संघर्ष के बाद गांव के लोग एकत्र हो गए। लोगों ने हांका लगाते हुए मशाल जलाया। तब तेंदुआ जंगल की ओर गया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ