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बहराइच:तराई में बदलते मौसम व चिकित्सा सेवा के अभाव से नवजात तोड़ रहे दम


बहराइच। जिला अस्पताल में बच्चों की होने वाली मौतों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। सात दिनों में 19 मासूमों की हुई मौतों से जिला प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं। इस दौरान 348 बाल रोगियों को भर्ती कराया गया था। मौतों का कारण बुखार, डायरिया, बर्थ एसफिक्सिया, निमोनिया व अन्य रोग बताए जा रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जब बच्चों की हालत गंभीर हो जाती है तो उन्हें जिला अस्पताल लाया जाता है। तराई में पल-पल बदल रहा मौसम मासूमों पर कहर बनकर टूट रहा है। हल्की सी बरसात होने के बाद निकलने वाली तेज धूप संक्रामक रोगों को बढ़ावा दे रही है। 

स्वास्थ्य महकमा स्वास्थ्य सुविधाओं के दुरुस्तीकरण का दावा तो कर रहा है। लेकिन अगस्त माह में ही जिले में 63 बच्चों की मौत हुई चुकी है। औसतन प्रतिदिन दो मासूमों की सांसें थम रही हैं। आधी मौतें बर्थ एक्सपीसिया व अन्य संक्रामक रोगों से हुई हैं।
गंभीर नन्हें रोगियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में बाल पीआईसीयू स्थापित है। यहां पर छह डॉक्टरों की तैनाती का मानक है, लेकिन एक भी डॉक्टर तैनात नहीं है। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर की ड्यूटी लगाकर काम चलाया जा रहा है।

बीते माह कितने मासूमो की रुकी साँसे
अगस्त माह में जिला अस्पताल में 57 व ग्रामीण अंचलों में छह बच्चों ने दम तोड़ा है। इनमें 20 बच्चे ऐसे हैं, जो जन्म के आधे से एक घंटे के अंदर बीमार हुए। उन्हें बर्थ एक्सपीसिया की शिकायत थी। जबकि 43 बच्चों की मौत बुखार, डायरिया व अन्य संक्रमण से हुई है। नवजात बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पीआईसीयू में भर्ती कराया गया। यहां 15 बेड हैं। आठ वेंटीलेटर की व्यवस्था है। फिर भी जिंदगी बचाई नहीं जा सकी।

नहीं है न्यू बॉर्न केयर यूनिट
जिला महिला अस्पताल में नवजात की तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए न्यू बॉर्न केयर यूनिट की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन जिला महिला अस्पताल में यह यूनिट नहीं है। इस समय निर्माण कार्य चल रहा है। पांच बेड की यूनिट तैयार होने में अभी दो महीने लगेंगे।

शासन को लिखा गया पत्र 
चिल्ड्रेन वार्ड में स्थापित पीआईसीयू में मैन पॉवर की कमी है। चिकित्सक भी नहीं हैं। फिर भी बच्चों का इलाज प्रभावित न हो, इसलिए इसका संचालन किया जा रहा है। चिकित्सकों की कमी के मामले में शासन को पत्र लिखा गया है। अगस्त में जिला अस्पताल में ५७ बच्चों की मौत हुई है। -पीके टंडन, मुख्य चिकित्साधीक्षक, जिला अस्पताल

तीन और मासूमों की जान गई
जिला अस्पताल में बुखार से पीड़ित तीन मासूमों की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। रामगांव के खटिकनपुरवा निवासी रवि (5माह) पुत्र राजितराम, कोतवाली देहात के गनियापुर निवासी तन्नू (7) पुत्र विजय कुमार व सोनवा नैपुरा निवासी छोटू सिंह (10) पुत्र राकेश सिंह को गंभीर हालत में परिवारीजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान तीनों ने दम तोड़ दिया।

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