तीन चौथाई से अधिक के बहुमत से प्रस्ताव पारित होने से प्रमुख हुये पैदल
परिणाम को लेकर प्रमोद तिवारी व मोना के सियासी हनक से उत्साह मे लबरेज समर्थक
शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़। जनपद के लालगंज क्षेत्र पंचायत प्रमुख के खिलाफ बुधवार को सदस्यों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव रिकार्ड तीन चैथाई से अधिक मतों से पारित हो गया। अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही भाजपा समर्थित ब्लाक प्रमुख रमेश प्रताप सिंह को मात्र दो वर्षो के कार्यकाल मे ही कुर्सी से पैदल होना पड़ गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेन्द्र सिंह की अगुवाई मे बीडीसी सदस्यों द्वारा डीएम को मिलकर प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंपा गया था। जिस पर डीएम ने 20 सितम्बर को कार्रवाई की तिथि मुकर्रर कर रखी थी। इसके तहत परिणाम की घोषणा होते ही जहां अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों के चेहरे ब्लाक कैम्पस मे ही खिल उठे दिखे। वहीं भाजपा समर्थित ब्लाक प्रमुख रमेश प्रताप सिंह के चेहरे पर संक्षिप्त कार्यकाल मे ही कुर्सी गवां बैठने का गम भी साफ झलक उठा। बुधवार को पूर्व निर्धारित एजेण्डे के तहत पूर्वान्ह ग्यारह बजे क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक की कार्यवाही अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उपजिलाधिकारी कोमल यादव की अध्यक्षता मे प्रारम्भ हुई। सदन मे 72 सदस्यों मे से 69 सदस्यों की उपस्थिति से जैसे ही कोरम पूर्ण हुआ। मतदान अधिकारी एसडीएम ने अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई शुरू करते हुये बहस प्रारम्भ करायी। क्षेत्र पंचायत के सदस्य केडी मिश्र ने सबसे पहले प्रमुख रमेश प्रताप सिंह के विरूद्ध सदस्यों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव रखते हुये गोपनीय मतदान कराये जाने की मांग की। चर्चा मे भाग लेते हुये सदस्य चंद्रमौलि शुक्ल, सैयद सफीक, गीता सिंह, पूनम द्विवेदी, धीरज पाण्डेय, डीपी सिंह, व अरूण शुक्ल तथा जितेन्द्र सिंह ने भी प्रमुख रमेश प्रताप सिंह पर वित्तीय अनियमितता, अधिकारी एवं कर्मचारियों से अभद्रता तथा क्षेत्र मे पंचायत विकास कार्यो मे अवरोध खड़ा करने के साथ कई गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि रमेश प्रताप सिंह ने सदस्यों का विश्वास खो दिया है और अविश्वास प्रस्ताव पर गोपनीय मतदान कराने पर सामूहिक रूप से जोर दिया। सदस्यों के द्वारा लगाये गये आरोपों को नकारते हुये रमेश प्रताप सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को साजिशन ठहराते सदस्यों से अपने पक्ष मे मतदान की अपील जरूर की पर परिणाम देख यह स्पष्ट हो गया कि सदन के ज्यादातर सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं पड सका। सदस्यों की चर्चा के बाद उपजिलाधिकारी के निर्देश पर चुनाव अधिकारी ओमप्रकाश पाण्डेय ने मतदान प्रक्रिया शुरू करायी। इसके बाद मतगणना की घोषणा करते हुये उपजिलाधिकारी कोमल यादव ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष मे 53 मत तथा विपक्ष मे 15 व एक मत निरस्त होने की जानकारी दी। इस तरह से रमेश प्रताप सिंह के खिलाफ 53 रिकार्ड मतों का परिणाम आते ही वह प्रमुख पद से पदच्युत हो उठे। अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को लेकर स्थानीय ब्लाक कैम्पस के अंदरूनी तथा बाहरी छोर पर कडी प्रशासनिक व्यवस्था चाक चैबन्द नजर आयी। जहां कैम्पस के अंदर अपर जिलाधिकारी सोमदत्त मौर्य व अपर पुलिस अधीक्षक बसंतलाल के साथ एसडीएम कुण्डा आईपी वर्मा, एसडीएम सदर पंकज वर्मा, भारी फोर्स के साथ मुस्तैद रहे। वहीं ब्लाक गेट पर एसडीएम पटटी जेपी मिश्रा तथा सीओ रमाकांत यादव के साथ लालगंज कोतवाल बालेन्दु गौतम व जेठवारा कोतवाल बालेश्वर त्रिपाठी समेत कई थानाध्यक्ष भी पूरी प्रक्रिया के दौरान पसीना बहाते दिखे। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की कार्रवाई का लिखित ब्यौरा एसडीएम कोमल यादव द्वारा जिलाधिकारी को भेजते हुये मतपेटिका सील कर दी गयी। बुधवार को अंततः लालगंज मे जहां भाजपा समर्थित रहे ब्लाक प्रमुख रमेश प्रताप सिंह को करारी शिकस्त मिली वहीं कांगे्रस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी एवं रामपुर खास से उनकी विधायक बेटी आराधना मिश्रा मोना का दबदबा रामपुरखास की सियासत मे एक बार फिर जोरदार देखने को मिला। सत्ता पक्ष को मिली शिकस्त को लेकर सियासी गलियारे मे रामपुरखास मे प्रमोद तिवारी और आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व की लोग दाद भी देते देखे गये।
रामपुर खास मे परिणाम से सत्ता पक्ष को झटका प्रमोद व मोना का बढ़ा सियासी कद
लालगंज ब्लाक प्रमुख रमेश प्रताप सिंह के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की जानकारी मिलते ही भारी तादात मे जुटे कांगे्रसियों का उत्साह चरम पर आ पहुंचा। आखिर उत्साह चरम पर क्ंयू न दिखता, बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर जहां रामपुरखास मे सत्ता पक्ष को झटका लगा वहीं लोगों के बीच प्रमोद तिवारी व आराधना मिश्रा का डंका बज जो उठा। उत्साहित कांग्रेसियों ने पुलिस वैरियर गेट के बाहर से ही परिणाम की जानकारी होते ही प्रमोद तिवारी एवं मोना मिश्रा जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कार्यकर्ताओं का उत्साह देख विधायक आराधना मिश्रा मोना भी कैम्प कार्यालय से कार्यकर्ताओं के बीच आ पहुंची और कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल और मालाओं से लादते हुये उनके साथ अबीर गुलाल उड़ाते नाचते गाते कैम्प कार्यालय आये। कैम्प कार्यालय पर मौजूद राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी को तो कार्यकर्ताओं के साथ बीडीसी सदस्यों ने फूलों की वर्षा करते हुये निष्पक्ष एवं निर्भीक अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई कराये जाने के उनके वायदे के प्रति दिली आभार जताते भी दिखे। कैम्प कार्यालय पर तो देर शाम कार्यकर्ताओं तथा बीडीसी सदस्यों मे होली और दीवाली जैसा जश्न बुधवार को ही देखने को मिल गया। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने भी बीडीसी सदस्यों की एक बार फिर हौसला आफजाई करते देखे गये। बुधवार को भाजपा समर्थित प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने से रामपुर खास की सियासत मे प्रमोद तिवारी एवं मोना मिश्रा का डंका फिर बज उठा दिखा। सियासी गैलरी के साथ आमजनों मे चाय पान की दुकानों पर यह चर्चा आम देखी गयी कि इस अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के बाद रामपुर खास मे पिछले विधानसभा चुनाव मे भाजपा की लहर के बावजूद कांगे्रस के दिग्गज प्रमोद तिवारी की विधायक बेटी आराधना मिश्रा मोना की जीत के ग्राफ मे और अधिक इजाफा हुआ है।
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