अखिलेश तिवारी
बलरामपुर । जनपद में तैनात सभी शिक्षामित्र समायोजन रद्द होने के बाद से ही काफी भयभीत व परेशान हैं । सरकार द्वारा वार्ता विफल होने के बाद से धरना प्रदर्शन बीच-बीच में करते रहे हैं । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 10,000 रू मानदेय घोषित किए जाने के बाद से शिक्षामित्र संतुष्ट नहीं है और वह अपना समायोजन होने तक सम्मानजनक मानदेय की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं । आज बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया तथा सरकार विरोधी नारे लगाकर अपनी मांगों को माने जाने तक आंदोलन करते रहने की चेतावनी दी ।
शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष देव कुमार मिश्र ने बताया कि जनपद के सभी शिक्षामित्र 12 से 15 साल तक पढ़ाने के बाद आयोज्ञ कैसे हो सकते हैं । न्यायालय के फैसले का हम सम्मान करते हैं परंतु हमें हमारा हक मिलना ही चाहिए । प्रदेश की योगी सरकार व केंद्र की मोदी सरकार मिलकर नियमों में संशोधन करें और पूर्व से कार्य कर रहे शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पर नियुक्ति का रास्ता प्रशस्त करें । जब तक सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक सम्मानजनक मानदेय शिक्षामित्रों को मिलना चाहिए । जो आश्रम पद्धति विद्यालयों की तरह कम से कम ₹27000 निर्धारित किया जाए । इसके अलावा शिक्षामित्रों के सम्मान की रक्षा भी सरकार का दायित्व है । उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे मानी नहीं जाती तब तक आंदोलन अनवरत जारी रहेगा । श्री मिश्र ने बताया की प्रदेश सरकार हमारे साथ धोखा कर रही है । मुख्यमंत्री से वार्ता के बावजूद मनमाने तरीके से ₹10000 मानदेय का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है जिसे हम स्वीकार नहीं करते । हमें समान कार्य समान वेतन से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि जब तक समायोजन नहीं हो जाता तब तक आश्रम पद्धति विद्यालयों की तरह 27,000 का मानदेय कम से कम शिक्षामित्रों को दिया जाए और नियम बनाकर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर पुनः समायोजित किया जाए । जनपद बलरामपुर में कुल 1963 शिक्षामित्र कार्यरत हैं जिनमें 1113 शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हो चुका था जिन्हें भी अब हटा दिया गया है ।
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