सत्येन्द्र खरे
कौशाम्बी : योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बागडोर संभालते ही बहू-बेटियों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को अपनी प्राथमिकता में बताया था। इसके बाद कई मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई हुई भी लेकिन शोहदों के मन में जैसा खौफ होना चाहिए वैसा अभी दिखा नहीं। कौशाम्बी के एक अफसर ने इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया है। वह ऐसे समाज विरोधी तत्वों को सीधे तड़ीपार यानी जिला बदर कर दे रहे हैं। वह अफसर हैं एडीएम न्यायिक आरएन पटेल। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने आधा दर्जन से अधिक ऐसे तत्वों को तड़ीपार किया है। यह सख्ती इन दिनों चर्चा का विषय बनी है।
आरएन पटेल, एडीएम न्यायिक कौशाम्बी ने बताया कि प्रदेश सरकार बहू-बेटियों की हिफाजत के लिए काफी फिक्रमंद है। शासन की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में मैंने भी यह पहल की है। उम्मीद है कि अच्छा परिणाम निकलेगा।
केस न ० 1
सराय अकिल के फकीराबाद निवासी मो. यासीन ने कक्षा आठ की छात्र से छेड़छाड़ की थी। कहीं भी शिकायत करने पर तेजाब डालने की धमकी भी दी थी। पीड़िता की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। रिपोर्ट एडीएम न्यायिक को सौंपी गई। उन्होंने अभियुक्त को मनचला तथा दुस्साहसी युवक बताते हुए छह माह के लिए जिला बदर कर दिया।
केस न ० 2
कोखराज के भदवां निवासी क्रांती ने शौच गई किशोरी से दुष्कर्म का प्रयास किया था। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ नाबालिग से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया। आरोपित ने पीड़िता पर सुलह के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसकी रिपोर्ट पुलिस ने एडीएम न्यायिक को भेजी। दो दिन पहले मजिस्ट्रेट ने इस अभियुक्त को भी छह माह के लिए जिला बदर कर दिया।
केस न ० 3
पश्चिम शरीरा के पूरबशरीरा निवासी मलखान ने एक विवाहिता के साथ अश्लील हरकत की थी। मामले में डरी सहमी पीड़िता ने आरोपित के खिलाफ पश्चिमशरीरा पहुंचकर केस दर्ज कराया। इसके बाद आरोपित ने सुलह के लिए धमकियां देना शुरू कर दिया। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट एडीएम न्यायिक को भेजी। एडीएम ने मलखान को भी दो दिन पहले जिला बदर कर दिया है।
केस न ० 4
पूरामुफ्ती के करउल का पूरा निवासी गुड्डू पासी 15 वर्षीय लड़की को बहका-फुसलाकर भगा ले गया था। परिजनों ने पहले अपने स्तर से किशोरी की खोजबीन की। पता नहीं लगने पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। इसकी रिपोर्ट मिलने पर एडीएम ने बहू-बेटियों के बीच भय व आतंक पैदा करने का दोषी ठहराते हुए आरोपित को दस दिन पहले जिला बदर कर दिया है।
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