Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

बहराईच ग्रामीणों ने दिलेरी से वयस्क मगरमच्छ को पकड़ा


बहराइच।कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग से सटे मिहींपुरवा कस्बे के भगहर नाले में तीन मगरमच्छ पहुंच गए हैं। इसकी भनक लगते ही लोगों में दहशत फैल गई। आशंका जताई जा रही है कि बाढ़  के दौरान बह कर आए मगरमच्छ ने भगहर नाले (बूढ़ी नदी) को अपना बसेरा बना लिया था। सूचना पाकर पहुंची वन महकमे की टीम ने एक मादा मगरमच्छ को ग्रामीणों की मदद से पकड़ा और कतर्नियाघाट में बहने वाली गेरुआ नदी में छोड़ दिया। डीएफओ ने अन्य मगरमच्छों को पकड़ने का भरोसा दिलाया है।

मोतीपुर थाना क्षेत्र में मिहींपुरवा कस्बे के पास भगहर नाला है, जो कभी बूढ़ी नदी हुआ करती थी। लेकिन समय के साथ नदी विलुप्त हो गयी। यह नाला मिहींपुरवा, परवानी गौढ़ी व कुड़वा ग्राम पंचायतों की सीमा से लगा हुआ है। वर्तमान में तहसील प्रशासन की ओर से इस नाले में ग्रामीणों को मत्स्य पालन के लिए पट्टा आवंटित कर किया गया है। गुरुवार की सुबह  ग्रामीण नाले की ओर गए थे। तभी उन्हें बीजेपी नेता योगेश प्रताप सिंह के घर के पास बंधे पर विशालकाय मगरमच्छ दिखाई पड़ा। उसे देखते ही वहां भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने गोताखोरों को बुलाया और कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज कार्यालय को सूचना दी। वन कर्मियों की टीम ने ग्रामीणों की मदद से लाठी-डंडों और रस्सी के फंदे के सहारे मगरमच्छ को काबू में कर लिया। टीम ने मगरमगच्छ को कब्जे में लिया और उसे कतर्नियाघाट लाकर गेरुआ नदी में छोड़ दिया।
 योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि उनके घर के समीप तीन मगरमच्छ कई दिनों से डेरा जमाए हुए थे। ग्रामीणों की मदद से एक मगरमच्छ पकड़ा जा सका है, लेकिन अभी भी दो बड़े मगरमच्छ इसी नाले में मौजूद हैं। यदि वन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो मगरमच्छ ग्रामीणों, मत्स्य पालन और सिंघाड़ा की खेती करने वाले किसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नाले में मछली पालन करने वाले किसान मिहींपुरवा निवासी जगदीश प्रसाद का कहना है मगरमच्छ की मौजूदगी के कारण कोई भी ग्रामीण तालाब में आखेट करने नहीं उतर रहा। व्यवसाय चौपट हो रहा है। अभी दो और मगरमच्छ नाले में बसेरा बनाये हुए हैं।
दो ग्रामीणों को कर चुका है घायल
कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी जीपी सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से मादा वयस्क मगरमच्छ को पकड़ कर कतर्नियाघाट लाया गया है। इसकी उम्र करीब आठ वर्ष की है। यह मगरमच्छ ने दो ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका है। इसके अलावा यह कई बकरी व कुत्ते भी खा चुकी है। यह जुलाई में सरयू नदी में आई बाढ़ के दौरान पानी के तेज बहाव के साथ बहकर नाले में पहुंची थी। ग्रामीणों ने नाले में अभी दो और मगरमच्छ होने की जानकारी दी है। मोतीपुर रेंजर खुर्शीद आलम को उन्हें पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे