लखनऊ। करवाचौथ हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक माह के चौथे दिन मनाया जाता है, परम्पराओं एवं मान्यताओं के अनुसार इस दिन शादीशुदा महिलाएं या जिनकी शादी होने वाली है वो अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। ये व्रत सुबह सूरज उगने से पहले से लेकर और रात्रि में चंद्रमा निकलने तक रहता है। यह एकदिवसीय त्योहार अधिकतर उत्तरी भारत के राज्यों में मनाया जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, राज्यस्थान और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन सिर्फ पति की लंबी आयु की ही नहीं उसके काम-धंधे, धन आदि इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करती हैं। करवाचौथ की शुरुआत किसी एक कथा के कारण नहीं हुई थी इसलिए इस त्योहार की बहुत अधिक महत्ता है। इस दिन के लिए कई सारी कथाओं का प्रचलन है।
कैसे करें पूजा
1- सूरज के उदय होने से पहले नहाकर व्रत का संकल्प लें। करवाचौथ का निर्जला व्रत सूर्योदय के साथ आरंभ हो जाता है। इस व्रत को के दौरान माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी का ध्यान करते रहना चाहिए।
2- दीवार पर गेरु से फलक बनाकर पिसे हुए चावलों के घोल से करवा बनाएं। इस कला को करवा धरना कहा जाता है जो एक पौराणिक परंपरा है।
3- आठ पूड़ियों की अठावरी, हलवा और पक्का खाना बनाना चाहिए।
4- पीली मिट्टी से मां गौरी और गणेश जी का स्वरुप बनाएं। मां गौरी की गोद में भगवान गणेश का स्वरुप बैठाएं। इन स्वरुपों की पूजा शाम के समय की जाती है।
5- माता गौरी को लकड़ी के सिंहासन पर बैठाएं और लाल रंग की चुन्नी पहनाएं और श्रृंगार सामाग्री से श्रृंगार करें। इसके बाद उनकी मूर्ति के सामने जल से भरा हुआ कलश रख दें।
6- गौरी और गणेश के स्वरुपों की पूजा करें। इसके साथ- नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। प्रयच्छ भक्तियुक्तनां नारीणां हरवल्लभे। अधिकतर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही पूजा करती हैं।
7- इसके बाद करवाचौथ की कहानी सुननी चाहिए। कथा सुनने के बाद घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए।
8- चांद निकलने के बाद छन्नी के सहारे चांद को देखना चाहिए और अर्घ्य देना चाहिए। फिर पति के हाथ से अपना व्रत खोलना चाहिए।
जाने किस शहर में क्या है,चांद दिखने का अनुमानित समय
दिल्ली- शाम 8:10, अहमदाबाद- शाम 8:36, लखनऊ- शाम 7:57, अजमेर- शाम 8:24, कानपुर- शाम 8:01, मुंबई- शाम 8:40 शिमला-शाम 8:07, अमृतसर- शाम 8:16, पटना- शाम 7:41, चंडीगढ़- शाम 8:09, भोपाल- शाम 8:16, रांची- शाम 7:43, नोएडा- शाम 8:11, जयपुर- शाम 8:18, भुवनेश्वर- शाम 7:45, श्रीनगर- शाम 8:13


एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ