अमरजीत सिंह
फैजाबाद: त्रेता युग को जीवंत करते हुए बुधवार को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुनि वशिष्ठ के रूप में पुष्पक विमान सरीखे सजाए गए हेलीकॉप्टर से उतरकर अयोध्या की धरती पर कदम रखने वाले 'भगवान राम की अगवानी की माना जाता है कि सरयू भगवान विष्णु के नेत्र से निकली हैं और इसीलिए इसे नेत्रजा भी कहा जाता है बुधवार को इस नेत्रजा में 1.71 लाख दीप आसमान के तारों के रूप में जगमगाएंगे अयोध्या के लोगों ने काशी की देव-दीपावली के बारे में काफी कुछ सुन रखा है इसलिए आरती को लेकर उनमें अधिक उत्साह है।सरयू किनारे की आरती का इतिहास बहुत पुराना नहीं है 2013 से ही इसकी शुरुआत हुई है, लेकिन तब से प्रतिदिन 11 सौ दीपों से आरती होती आ रही है महंत राम दास त्यागी जैसे कुछ लोग अलग-अलग आरती के आयोजन भी करते हैं राम की पैड़ी पर आरती कराने वाले शशिकांत दास बताते हैं कि हर पूर्णिमा पर दीपों की संख्या दोगुनी हो जाती है इसके पहले अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से श्री राम की शोभा यात्रा शुरू हुई शोभा यात्रा का समापन मुख्य मार्गों से होते हुये रामकथा पार्क में हुआ यहीं पर मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ पहुंचें और पुष्पक विमान से आने के बाद भगवान राम का स्वागत किया
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