पुलिस से एआरटीओ विभाग तक काट रहे चक्कर
शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़।शहर में बेतहासा बढ़ रही ई - रिश्का से सडकों पर दिनभर जाम से निजात दिलाने के लिए मंगलवार को पुलिस कप्तान शगुन गौतम एआरटीओ मनोज कुमार सिहं और सीओ सिटी सहित अपने लाव लश्कर के साथ ई -रिश्का की धरपकड़ के लिए खुद ही सड़कों पर निकल पडे और बिना रजिस्ट्रेान के शहर की सड़कों पर भर्राटा भर रही 113 ई - रिश्का को धर दबोचा और सभी पुलिस लाइन में खड़ी की गयी है। जिसमें से 13 का चालान भी किया बताया जाता है । दो दिन से पुलिस लाइन में खडे़ ई - रिश्का चालक डीएम,पुलिस और एआरटीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे है । शुरूवात में ई - रिश्का के लिए रजिस्ट्रेशन का कोई मानक नहीं था इसलिए बिना रजिस्ट्रेशन के सभी रिश्का सडकों पर बे - रोकटोक चलने लगे लेकिन शहर की सड़कों पर आये दिन दुर्घटना और जाम की समस्या को देखते हुए पुलिस ने कर्रा किया तो एआरटीओ कार्यालय ने रजिस्ट्रेान हेतु कागजात मांगा । आधिकृत डीलर न होने से ई- रिश्का चालकों को सेल लेटर मिलने में परेशानी खड़ी हो गयी है। एआरटीओ सुशील कुमार मिश्र से हुई बातचीत में उन्होने बताया कि ई - रिश्का के लिए वन टाइम टैक्स शुल्क 21 हजार छः सौ रूपये व रजिस्ट्रेशन शुल्क छः रूपये और फिटनेस शुल्क छः सौ रूपये सरकारी शुल्क के रूप में अदा करना होगा साथ ही साथ जारी सेल लेटर व बीमा की तिथि से उस दिन से आज तक प्रतिमाह 5प्रतिशत की दर से जुर्माना भी लगाया जायेगा। अब सवाल उठता है कि इतने महीने बीतने के बाद जिस ई - रिश्का के रजिस्ट्रेशन का कोई मानक नहीं था और न ही कोई स्पष्ट गाइड लाइन एआरटीओ कार्यालय के पास है तो अचानक इस कार्यवाही से रिश्का चालक बेरोजगार हो चले है। अच्छा होता जिला और पुलिस प्रशासन इन्हे गाइडलाइन देकर रजिस्ट्रेशन के लिए मौका देता। कई ई - रिश्का चालकों के बारे में जानकारी मिली की कभी छोटे मोटे अपराध किया करते थे लेकिन ई - रिश्का के चलन से बैंकों से लोन लेकर अपराध छोड़कर ई- रिश्का खरीदकर अपने परिवार का भरण पोषण के साथ-साथ लोन का किस्त भी कमा कर भरते थे।प्रशासन की इस कार्यवाही से इन चालकों का परिवार भूख मरी के कगार पर पहुचने की स्थित में आता नजर आ रहा है । जिला प्रशासन को चालकों की परेाानियों को देखते हुए कोई ठोस कदम अबिलम्ब निकालना होगा।किन्तु अब देखना यह है कि इन बेरोजगार हुए ई - रिश्का चालको को कब उक्त समस्या से निजात दिलाने में शासन - प्रशासन पहल करता है ?
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