प्रदीप गुप्ता
मसकनवा गोंडा : शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया. इसके बाद व्रतियों ने उपवास तोड़ा और लोगों ने छठ का प्रसाद ग्रहण किया. गुरुवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रतियों ने पूरी रात जगकर बिताई. भोर में सूर्य उगने से पहले व्रती गंगा घाटों की तरफ चल पड़े. गली-मुहल्ले में छठ के गीत सुनाई पड़ने लगे. बच्चे-बूढ़े सभी छठ घाट तक पहुंचे.
व्रतियों ने भगवान सूर्य के निकलने का इंतजार शुरू किया. तब तक घाटों पर छठ के गीत गूंजते रहे. ज्योंही पूरब दिशा में भगवान सूर्य की लालिमा दिखी, व्रतियों ने उन्हें अर्घ्य अर्पित करना शुरू किया. इधर, बच्चों ने छठ घाटों पर. जहां-तहां घाटों के किनारे भगवान सूर्य की प्र
तिमा स्थापित की गई थी. सुबह का अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रती अपने-अपने घरों की तरफ चल पड़े. वहीं रास्ते में सबों को प्रसाद भी बांटा.
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ