सुलतानपुर।आये दिन पत्रकार पर हो रहे हमलों से पत्रकारों में रोष व्याप्त है,अपनी जान को जोखिम में डालकर कर,दिन हो रात जनता की आवाज़ को उठाने वाले पत्रकारों पर हो हमलों से पत्रकारिता जगत पर खतरा मंडरा रहा है।पत्रकारों पर हमले की एक ऐसी ही घटना तब घटी जब पत्रकार बुधवार की रात अपनी पत्नी के साथ घर जा रहे थे।पत्रकार पर हुए हमले को लेकर सुल्तानपुर जर्नलिस्ट एशोसिएशन ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है,तथा मामले की निष्पक्ष जांच की मांग किया है।
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राजस्थान पत्रिका के संवाददाता फरीद अहमद जिला पंचायत परिसर में सपरिवार रहते है। बुधवार की रात वह अपनी पत्नी का इलाज कराकर लौट रहे थे। आरोप है कि अधिकारियों के इशारे पर योजना बनाकर कर्मचारी रामकुमार यादव व उनके बेटों के जरिए जानलेवा हमला करा दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों को डंडे और लोहे की राड के साथ हिरासत में ले लिया। हालाकि गुरूवार की सुबह आरोपियों को छोड़ दिया गया। इसके बाद कर्मचारी इकट्ठा हो गए और पत्रकार के विरूद्ध एफआईआर कराने और कैम्पस में मौजूद आवास खाली कराने के लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया। पता चला है कि पुलिस ने दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दिया है।
क्या कहना है पत्रकार फरीद का
पत्रकार फरीद अहमद का कहना है कि वह जिला पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार को आए दिन उजागिर करता रहा है। जिससे खार खाये अधिकारी ने वारदात को अंजाम दिलवाया।नगर कोतवाली पुलिस की सक्रियता की वजह से उनकी जान बच सकी।फोन करते ही चंद मिनट में ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गयी और आरोपियों को पकड़ लिया।
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