करनैलगंज(गोंडा)। बिजली विभाग की विभागीय खामियों का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। अधाधुंध हो रही बिजली की कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। तहसील मुख्यालय पर 132 केवी का पावर प्लांट होने के बावजूद भी उपभोक्ताओं को 10 घंटे की बिजली मिलना भी मुस्किल है। रातों में कई-कई घंटों की अघोषित कटौती से उपभोक्ताओं की नींद हराम हो चुकी है।
भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नगरों व तहसील मुख्यालयों को 18 घंटे की बिजली देने का दावा किया हो मगर यहंा उससे आधी बिजली भी मिलना मुस्किल हो रहा है। करनैलगंज नगर को महज 8 से 10 घंटे की बिजली आपूर्ति मिल रही है। तो ग्रामीण क्षेत्र का तो हाल और भी बेहाल है। बताया जाता है कि बिजली विभाग अपनी खामियों को दूर करने के बजाय ओवरलोड़ रोंकने के लिए बिजली की कटौती करता है मगर हकीकत कुछ अलग है। यहंा से क्षेत्र के अलग-अलग उपकेंद्रो को दी जाने वाली बिजली को एक ही पैनल से जोड़ कर चलाया जा रहा है। पैनल खराब होने की दशा में दो-दो उपकेंद्रों को एक साथ जोड़कर बारी-बारी से बिजली आपूर्ति की जा रही है। पैनल खराब होने के कारण अधिक लोड़ होने पर बिजली की घंटो कटौती की जाती है। यही नहीं बार-बार ट्रिपिंग एंव कटौती से उपभोक्ताओं को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं में राजाराम, रामधन, गणेश कुमार, शिव कुमार कांदू, रमेश कुमार, कैलाश आदि का कहना है कि जब इस क्षेत्र में 132 केवी का पावर प्लांट नहीं लगा था तब इससे अच्छी बिजली मिलती थी। अब तो बिजली कटौती व ट्रिपिंग से एक मुस्त चार घंटे भी बिजली मिलना मुस्किल है। ग्रामीण क्षेत्र का हाल और भी खराब है जहंा 5 से 6 घंटे की भी बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। रातों रात बिजली का गायब होना ग्रामीण क्षेत्र के लिए आम बात हो गई है। इस सम्बंध में बिद्युत उपखंड अधिकारी आनन्द सिंह बताते हैं कि पैनल वाली समस्या को दूर कर दिया गया है। ट्रान्समिशन से सप्लाई बाधित होने पर कटौती होती है।
करनैलगंज नगर में रविवार को सुबह से दिन में दो बजे तक लगातार नौ घंटे की बिजली आपूर्ति बाधित रही। उपभोक्ताओं को बिजली के साथ पानी के लिए भी तरसना पडा। लोग गर्मी से बेहाल होने के साथ ही बिजली के साथ पीने के लिए पानी को भी तरसते रहे। एसडीओ ने बताया कि एचटी लाइन में फाल्ट होने के कारण दोपहर तक नगर में सप्लाई बाधित रही वहीं दोपहर बाद 132 से रोस्टिंग कटौती के कारण सप्लाई काट दी गई।


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