भागवत कथा के समापन पर प्रयागपीठाधीश्वर जगदगुरू का हुआ सारस्वत सम्मान
लालगंज प्रतापगढ़। कस्बा स्थित पुनीत इण्टर कालेज के प्रागंण मे हो रही भागवत कथा का सोमवार को विधि विधान के साथ सोल्लास समापन हुआ। कथा आयोजन समिति की ओर से प्रयागपीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी श्रीधराचार्य जी महराज का अंचल के श्रद्धालुओं की ओर से अभिनंदन पत्र एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर सारस्वत सम्मान किया गया। कथा का भाव रखते हुये प्रयागपीठाधीश्वर श्रीधराचार्य जी ने कहा कि कलियुग मे जहां कहीं भी भागवत ज्ञान के तत्व तथा उसके महात्म की मंगल चर्चा हुआ करती है। वह अंचल सदैव ज्ञान तथा कर्म के क्षेत्र मे बलवती होते हुये समस्त सम्पन्नता को हासिल किया करता है। उन्होनें कहा कि भगवान कृष्ण ने संसार को अपने शाश्वत संदेश के जरिये यह ज्ञानार्जन दिया कि जब तक मनुष्य धर्म और कर्म के प्रति सचेत रहते हुये नैतिक जीवन व्यतीत करता रहेगा। उस मनुष्य के समस्त कल्याण के लिये गोविन्द राधे की धर्म पताका सदैव रक्षा करती रहेगी। उन्होनें कहा कि कृष्ण नाम का मन से जप तथा राधे कृष्ण का संकीर्तन आने वाली पीढ़ी के लिये भी सर्वथा मंगल का मार्ग प्रशस्त करती है। जगदगुरू स्वामी श्रीधराचार्य ने लोगों से मन मे सुचिता तथा लोगों के प्रति उदार कल्याण की भावना रखते हुये राग द्वेष से मुक्त होकर संसार के लोक कल्याण मे सदैव निश्छल समर्पण का आहवान किया। कथा के संयोजक डा0 वीरेन्द्र मिश्र ने श्रद्धालुओं के प्रति आयोजन समिति की ओर से आभार जताया। वहीं डा. पूर्णिमा मिश्रा ने वैदिक परम्परा के तहत जगदगुरू एवं संत मण्डली का सारस्वत अभिषेक किया। सह संयोजक इं. जितेन्द्र त्रिपाठी ने महा प्रसाद वितरण का प्रबन्धन किया। कथा के संयोजन मे दयाशंकर पाण्डेय, डा.आरएस त्रिपाठी, जगदम्बा प्रसाद त्रिपाठी मनीषी, डा0 दुर्गा प्रसाद ओझा, डा0 पूजा त्रिपाठी, अनीता ओझा, इं. सुनील पाण्डेय, इं. अनिल पाण्डेय, वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग पाठक, संजय पाण्डेय, गीता त्रिपाठी, का उल्लेखनीय योगदान दिखा। इस मौके पर प्राचार्य डा. राजकुमार पाण्डेय, डा. चंद्रेश सिंह, केडी मिश्रा, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, मुन्ना तिवारी, ब्रजघोष ओझा, आचार्य राजेश मिश्र, डा0 श्रीधर पाण्डेय, डा. माधुरी ओझा, नीलम ओझा, प्रधानाचार्य सुनील शुक्ल, विशालमूर्ति मिश्र, प्रकाश चंद्र मिश्र, रामलोचन त्रिपाठी, केशवराम ओझा, द्वारिका प्रसाद तिवारी, डा0 पुरूषोत्तम शुक्ल, सौरभ मिश्रा आदि रहे। कथा के समापन पर श्रद्धालु महिलाओं द्वारा देर शाम तक हरे राधे हरे कृष्ण का मनमोहक संकीर्तन आध्यात्मिक माहौल को चार चांद लगा गया।
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