अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर । हमारा देश भारत 200 बर्ष तक अग्रेजों का गुलाम रहा इसके बाद देश के हजारों बीर सपूतो ने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद करवाया । खैर , अग्रेंज तो देश छोड़कर चले गये लेकिन उनकी भाषा अंग्रेजी नही गयी । जिसके कारण आज हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत विलुप्त होती जा रही है । सबसे प्राचीन और विशाल सनातन हिंदू धर्म की अधिकांश ग्रंथ , वेद , पुराण , उपनिषद आदि संस्कृत भाषा मे ही पाये जाते है । जिसका विद्वानों ने हिन्दी मे अनुवाद कर उसे आसान बना दिया है । परन्तु अफसोस की बात है कि आज हम अपने देश के इन दोनो भाषाओं संस्कृत और हिंदी को छोड़कर अंग्रेजों के अंग्रेजी भाषा के गुलाम हो गये है । हम अपने आप भारतीय संस्कृति को खत्म करते नजर आ रहे है । मनोहरपुर निवासी पं० ओमप्रकाश तिवारी ने संस्कृत भाषा को जीवित रखने के लिए यदि विद्यालय की स्थापना करने हेतु जो कदम आगे बढ़ाया है वह वास्तव मे काबिलेतारीफ है । जिसका आधारशिला रखने के लिए भाजपा सांसद व विधायक बलरामपुर जनपद के पचपेड़वा विकासखण्ड के गांव मनोहरपुर मे पहुंचे। भाजपा सांसद दद्दन मिश्रा के साथ गैसड़ी के विधायक शैलेश कुमार सिंह तथा तुलसीपुर के कैलाश नाथ शुक्ला भी मौजूद रहे । मंच पर नेताओं के पहुंचते ही भाजपा कार्यकर्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने फूल मालाओं से स्वागत करते हुए सभी को किताबें भेंट किया । मौजूद भीड़ को सम्बोधित करते हुए सांसद और विधायकों ने भाजपा सरकार द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों का जमकर बखान किया । और मोदी तथा योगी के बारे मे खूब कशीदे पढ़े । इसके बाद सांसद दद्दन मिश्रा ने संस्कृत महाविद्यालय बनने के लिए दीप प्रज्वलित कर ईंट पूजन करते हुए विद्यालय का आधारशिला रखा । विद्यालय का स्थापना कराने वाले ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि संस्कृत हमारे देश की प्राचीन भाषा है । सभी वेद पुराण संस्कृत भाषा मे ही लिखी गयी है परन्तु आज यह विलुप्त होने के कगार पर है । इसे बचा और बढ़ा कर हम अपने देश की सेवा करते हुए संस्कृत भाषा को कायम रखना चाहते है । इसीलिए हम इस विद्यालय का स्थापना कर रहे है । सांसद और विधायकों ने इसे समाजहित मे बताते हुए कहा कि जिन विद्यार्थियों को संस्कृत की पढाई के लिए बाहर जाना पड़ता था । इस विद्यालय के खुलने से अब उनकी समस्याएं खत्म हो जायेगी ।


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