रेल की पटरी पर मिली क्षति विक्षति लाश
डॉ ओपी भारती
वजीरगंज/गोण्डा:- अमावस की काली रात ने आज एक माँ के लाल को लाश में बदल दिया। दीपावली की बड़ी अमावस थी, कृष्ण कुमार अपने घर से पास के एक मंदिर में दीपक और अगरबत्ती जलाकर पूजा करने निकला था। घर वालो और खुद कृष्ण कुमार को क्या पता था कि आज की काली अमावस की रात उसे डसने के लिए तैयार बैठा है।अमावस की काली रात इतनी भयावाह होती है कि इस का ख़याल जेहन में आते ही रूह किसी अनहोनी को लेकर कांप उठता है।
घटना 19 अक्टूबर वृहस्पतिवार की है। वजीरगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मनपुर गौरिया के मजरे सीलिंग निवासी कृष्णकुमार (17) पुत्र विशेश्वर चौहान शाम को लगभग 7 बजे अपने घर से पास के एक मंदिर पर दीपक और अगरबत्ती जलाने निकला था। काफी समय बीतने के बाद भी जब कृष्णकुमार घर नही आया तो घर वालो ने उसे ढूंढना शुरू किया, परंतु वह नही मिला। किसी अनहोनी की आशंका में जैसे तैसे रात बीती तो सुबह कुछ लोगो के माध्यम से उसकी लाश ऊंट घाट जंगल के पास घर से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर रेलवे ट्रैक पर पड़ी होने की सूचना मिली। घर वालो ने जाकर देखा तो पुष्टि हुई कि क्षति विक्षत लाश कृष्णकुमार की ही है। फिर क्या था चीख पुकार मच गई। देखते ही देखते वहा सैकड़ों की भीड़ इकट्ठा हो गई। घर वालो से पता चला कि कृष्णकुमार का पिता विशेश्वर चौहान मलेशिया में नौकरी करता है। कृष्णकुमार 11वीं का छात्र था, और पूर्व कृषि मंत्री कुंवर आनंद सिंह मनकापुर के आर पी इंटर कालेज में पढ़ता था। जन चर्चा के मुताबिक वह जब घर से पूजा करने निकला था तभी कुछ मोटरसाइकिल सवारों ने उसका अपहरण कर लिया , और उसकी गला रेत कर हत्या करने के बाद दुर्घटना या आत्महत्या का रंग देने के लिये लाश रेलवे ट्रैक पर डाल दिया। मौके पर पहुंची मनकापुर पुलिस ने लाश को सील कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल दद्दन सिंह ने बताया कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कुछ कहना जल्दबाजी होगी। मृतक के घर वालो ने हत्या हत्या की आशंका जताई है।कोतवाल दद्दन सिंह ने बताया कि हम मामले की तह तक इसकी पड़ताल करेंगे। कोई भी दोषी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो बच नही पायेगा।
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