सुनील उपाध्याय
बस्ती। आशा बहू स्वास्थ्य समिति उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध आशा बहू एवं आशा संगिनियों ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में आशाओं ने मासिक मानदेय निर्धारित करने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा की मांग की है। इससे पूर्व उपरेक्त मांगों को लेकर किये गये आन्दोलन में सरकार को दिये गये 90 दिनो की समय सीमा पूरी होने पर आशा कार्यकत्रियों ने फिर सरकार को आन्दोलन की चेतावनी दी है।
आशाओं का कहना है कि केन्द्र व प्रदेश में बहुमत की सरकार बनने के बाद भाजपा अपने शीर्ष नेताओं का वादा भूल गयी जिसमें आशाओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की बात कही गयी थी, भाजपा नेताओं की इस मंशा का आशा कार्यत्रियों ने सम्मान कर न केवल बढ़चढ़कर उसके पक्ष में मतदान किया बल्कि दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित किया। अब केन्द्र व प्रदेश में भाजपा की सक्षम सरकार है, ऐसे में आशा कार्यकत्रियों की मांगों को लेकर सरकार का गंभीर न होना संगठन को विचलित करने वाला है।
इतना ही नहीं नेताओं के वादों को पूरा करने की बजाय मुख्यमंत्री द्वारा प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने की बात की जा रही हैं जो आशा कार्यकत्रियों को किसी कीमत पर स्वीकार नही है। आशाओं को हर हाल में मानदेय और सामाजिक सुरक्षा चाहिये, इसके लिये सरकार गंभीर नही हुई तो संगठन निर्णायक संघर्ष के लिये विवश होगा। जिलाध्यक्ष प्रीती उपाध्याय ने कहा कि इस बार आन्दोलन का रूप कुछ हटकर होगा, हम दिल्ली लखनऊ जाकर प्रदर्शन करने की बजाय, स्थानीय स्तर पर सांसदों व विधायकों के आवासों पर ही प्रदर्शन करेंगे। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार व भाजपा नेताओं की होगी। ज्ञापन देते समय विमला यादव, अनामिका शुक्ला, अन्नपूर्णा दुबे, रेखा चौधरी, संजू चौधरी, कुसुम त्रिपाठी, इन्द्रावती त्रिपाठी, कुसुमलता उपाध्याय, उर्मिला चौधरी, रूपा देवी, उदय प्रताप शुक्ला, सुबाष चन्द्र उपाध्याय, सुशीला देवी आदि उपस्थित रहीं।


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