Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

सुल्तानपुर:आजादी के लिऐ 12 बार जेल गये पं चंद्रबली पाठक



खुर्शीद खान
सुल्तानपुर।ये देश है वीर जवानो का अलबेलो का मस्तानो का इस देश का यारो...नया दौर फिल्म का यह गीत चंद्रबली पाठक पर फिट बैठता है जो भारत की जंगे आजादी मे किसी बीर जवान से कम नही थे । देश के लिऐ वे बारह बार जेल गये और आजादी के लिऐ जीवन भर संघर्ष करते रहे । 
आइये जानते चंद्रबली पाठक के बारे में
भदैया विकास खंड के बभनगंवा गांव मे पं बाल गोविंद के घर 1888 मे जन्मे चंद्रबली बचपन से ही निर्भीक व स्वाभिमानी थे । जो आजादी की लडाई मे 12 बार जेल गये तथा जेल मे ही बेडियां व हथकडियां तक तोडी।जेल मे ही उनको 26 डीआई धारा के तहत 20 अगस्त 1942 को तीन साल की कठोर कारावास की सजा मिली ।राष्ट्रीय आंदोलन के तहत वे 12 बार जेल गये तथा चार बार ब्रिटिस सरकार की यातनाऐ झेली 1920 मे वे कांग्रेस मे सामिल होकर स्वतंत्रता आंदोलन मे कूद पडे।1930 मे वे छः माह के लिऐ सविनय अवज्ञा आंदोलन मे तथा 1932 मे छः माह जेल भैजे गये ।1941 मे आजादी के लिऐ इलाहाबाद के नैनी जेल मे एक साल की सजा काटी । विभिश्न आंदोलनो मे सम्मिलित होकर वे अंततः देश को आजाद होने का सपना पूरा होते देखे ।1952 मे कांग्रेस ने उनको चुनाव लडने के लिऐ बुलाया लेकिन वे इसे ठुकरा दिऐ।फिर उनको जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष व जिला परिषद का सदस्य बनाकर सम्मानित किया गया ।बीमार रहने तथा खराब स्वास्थ के चलते 1967 मे उनकी मृत्यु हो गयी ।उनके प्रपौत्र रोहिताश्व कुंवर पाठक बताते है कि आज भी दादा जी के आजादी के किस्से गांव के लोग बताते है तो बाजुऐ फडक उठती है । उनकि यादे उनकी फोटो देखकर जेहन मे बनी रहती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे