राजकुमार शर्मा
बहराईच:-सीमावर्ती जिला बहराईच के विकाशखण्ड नवाबगंज के विभिन्न ग्रामपंचायतों में सफाईकर्मी कई माह से नदारद है। एक ओर जहाँ सरकार सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए अनेको अनेक अभियान चलाकर स्वछता के प्रति लोगो को जागरूक करने व जागरूक्ता फैलाने की कोशिस कर रही है। वही दूसरी ओर सरकार के ही कुछ अभिन्न अंग कहे जाने वाले अधिकारी इस अभियान की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नही छोड़ते। ऐसा ही प्रकरण कुछ क्राइम जंक्शन टीम के सर्वे में दृस्तगत हुआ। यदि शब्दों में कहे तो हमारे नवाबगंज विकाशखण्ड के खंड विकाश अधिकारी सुशील कुमार श्रीवास्तव काम की जगह अपनी तारीफों को सुनने में अधिक रुचि लेते हमेशा दिखते है क्योकि इससे इनका शायद पुराण नाता है परंतु यदि धरातल पर सच्चाई की तहकीकात किया जाय तो इनका कार्यशैली का वास्तविकता प्रमाण कुछ और ही बया करता दिख रहा है। किसी ने सायद सच कहा है कि ''सच्चाई छिप नही सकती बनावट के वशूलों से , खुश्बू आ नही सकती कागज के फूलों से । यह कहावत सायद इस विकाशखण्ड के लिए ठीक बैठता है।
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सडको तक उफना कर बहता नालियों का पानी |
ज्ञात हो कि नवाबगंज ब्लॉक अंतर्गत कई ग्रामपंचायतों में गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है।नालिया,सड़क, खरंजे व आस पास की वातावरण स्थिति सभी तरफ गंदगी ही गंदगी दिखाई दे रही है।कई जगह पर नालिया न साफ होने कारण गंदे पानी रास्तो पर भरे दिखे । ग्रामीणों से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो पता चला कौन सफाईकर्मी हम तो उसे पहचानते भी नही साहब पता चला।आखिर कब सुधार होगा जब योगी सरकार में नही होगा। ज्ञात हो कि ग्रामपंचायत जमुनहा बाबागंज,भगवानपुर करींगा, शिवपुर मोहर्निया,सोरहिया,धर्मनगर सहित दो दर्जन से अधिक ग्रामपंचायतों में तो वर्षो सफाईकर्मी ईद के चांद बने हुए है।यही वजह है कि यहाँ की स्वच्छ्ता रामभरोसे पड़ी हुई है।जबकि इस सम्बंध में कई बार खण्ड विकाश अधिकारी को अवगत कराया जा चुका है। फिर भी वेपरवाह,निडर व कानून को ताख पर रख कर कार्यवाही को करने वाले यह अधिकारी कुछ भी कदम उठाते हुए नही दिखे।
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फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रो में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। इसका जीत जागता उदाहरण कभी भी मुख्यालय के आस पास देखा जा सकता है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि क्या विकाशखण्ड में सफाईकर्मी प्रयाप्त तैनात नही है? यदि है तो वह अपने कार्यभार को क्यो नही संभालते है।यदि नही संभालते तो साहब जी ने अभी तक आगे की कार्यवाही क्यो नही किए। क्या कारण है जिससे इन ग्रामपंचायतों की सफाई व्यवस्था रामभरोसे पर टिका हुआ है । क्या यही सरकार की मंशा है स्वच्छ भारत अभियान क्या इससे तरह वेपरवाह अधिकारी स्वच्छ भारत अभियान पर पलीता लगाते रहेंगे । और ग्रामीण प्राथना पत्र लेकर घूमते फिरेंगे। कौन होगा इन सबके पीछे जिम्मेदार । कैसे इनकी तनख्वाह निकलती है जब यह काम पे ही नही जाते। सूत्रों की माने इस संबंध में अधिकारी को कई बार सूचना दिया गया।परंतु वे सभी यह कहकर की कल सफाई कार्य हो जाएगा। इतना क्यो परेशान हो कहते हुए कार्यालय परिषर से वापस कर दिया गया। परंतु आज तक कोई कार्य होता नही दिखा सिवाय अस्वाशन । गौरतलब हो कि इन दिनों ग्रीष्म ऋतु आ चुका है जिसके कारण मछर अपने तेजी पकड़ रहे है। जहाँ तहा नालियों व कूड़ो कचरों में मछर पनपते हुआ दिख रहे है जो साफतौर पर संक्रामक रोगों को न्योता देते हुए दिख रहे है। ऐसे में यदि यहाँ की सफाई कार्य सही नही कराया गया तो अग्रिम स्थिति में अनेको अनेक खतरनाक बीमारिया फैलने की आसंका जताई जा रही है।
जब इस संबंध के जानकारी खण्ड विकाश अधिकारी सुशील कुमार श्रीवास्तव से दूरभाष पर कोशिस की गई तो उन्होंने जानकारी दी कि हमे इस संबंध की जानकारी ही नही है और यह प्रकरण हम से संबंधित ही नही है।मैं इसके बारे में कुछ नही कर सकता।
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