दुर्गा सिंह पटेल
गोंडा। आवारा पशु किसानों की फसलों के दुश्मन बनने से कृषि में हो रहे लगातार नुकसान से उबरने की किसानों की हर कोशिशें इनके आगे बेकार साबित हो रहीं हैं। खेतों में उग रही गेहूं की व अन्य फसल के हरे और कोमल ‘कल्ले’( पौधों का ऊपरी नर्म हिस्सा) आवारा पशुओ की पहली पसंद होते हैं। यही कारण है कि आवारा पशुओं के झुण्ड के झुण्ड खेतो की ओर रूख कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि आवारा पशु उनकी हरी-भरी फसलों को चर जा रहे हैं और जो अभी उग रही है उसे कुचल (रौंद) कर बर्बाद कर दे रहे हें।
तहसील क्षेत्र मनकापुर के ,तेजपुर,हथिनी,ककरघटा,सिंगारघाट घनश्यामपुर,गायघाट,तावेपुर आदि दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां किसान आवारा पशुओं से तंग हैं। गेंहू, सरसो, आलू, की फसल बर्बाद हो रही है। आवारा पशुओ के आतंक का आलम ये है कि कई किसान तो खेती छोड़कर मजदूरी करने लगे हैं। ठण्ड और पाले से हो रहे नुकसान से तो एक बार किसान बच भी सकता है लेकिन आवारा पशुओ से नहीं बच सकता है। जरा सी चूक होते ही आवारा पशुओ के झुण्ड फसल बर्बाद कर देते हैं।
कुछ किसानो ने खेतो के चारोओर कंटीले तारों की बाड़ व बांस से फेंसिंग की लेकिन ये उसे भी तोड़ डालते हैं। क्षेत्र के किसानो ने छुट्टा जानवरो से तंग आकर दलहन व तिलहनी फसलों की बुवाई ही बंद कर दी है। गन्ने की खेती में भी आवारा पशुओ की नजर लग गयी है। बैरीकेटिंग के बाद भी किसानो का नुकसान नहीं रूक रहा है। रबी की फसलें आवारा पशुओं को खूब रास आती हैं। क्षेत्र में जगह-जगह ऐसे नजारे दिख जाएंगे जहां एक नहीं दर्जनो आवारा पशु फसल चर रहे हैं।
ये इतने बिगड़ैल हे कि किसान पर ही हमला बोल देते हैं।अभी हाल ही में गोंडा जनपद उमारीबेगमगंज थाना क्षेत्र के सियाराम और मोतीगंज थाना क्षेत्र के जगन्नाथ पाण्डेय फसल की रखवाली करने गए दोनों किसान भाइयों की साड़ ने पटककर जान ले ली है।बीते कुछ वर्षो में जिस तरह से खेती करना घाटे का सौदा बन गया है उसके चलते छोटी जोत के किसानो के सामने खेती-किसानी छोड़कर दिल्ली-मुम्बई में मजदूरी करना ही नियति बन गया है।
यहां के क्षेत्र के लोगो का कहना है की 10 जनवरी तक योगी सरकार का आदेश था कि सभी आवारा पशुओं गौशाला के अंदर कर दिया जायेगा लेकिन समय बीत गया अभी तक आवारा पशुओं को गौशाला के अंदर नहीं किया गया और सारा फसल आवारा पशु चौपट कर रहे हैं।
लोकसभा चुनावों की शुरुआत में अब 3 महीने से भी कम का समय बचा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में किसानों की नाराजगी बीजेपी के लिए एक बड़ी चिंता का सबब बन सकती है.सपा और बसपा के महागठबंधन के कयास पहले से ही मोदी और योगी को परेशान किए हुए हैं. ऐसे में अगर अन्नदाता भी बीजेपी से बागी हो गया तो 2019 में दिल्ली का तख्त दूर हो हो सकता है।
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