अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। बाल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिला अधिकारी अरुण कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में संपन्न की गई । बैठक में बच्चों के कल्याण एवं अधिकारों व सरक्षण प्रदान किये जाने तथा बच्चों के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति के विभिन्न एजेण्डा एवं विन्दुओं पर चर्चा की गई ।
बैठक मे जिला प्रोबेशन अधिकारी राम प्रसाद, अपर पुलिस अधीक्षक उपस्थित रहे। बैठक में जन्म के पश्चात् बच्चों को छोड़ देने वाली घटनाओं के लिए पालना शिशु स्वागत केन्द्र की स्थापना के संबन्ध में चर्चा की गई । इस संबन्ध मे प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि प्रत्येक पीएससी पर पालना शिशु स्वागत केन्द्र का संचालन किया जा रहा है तथा अन्य नये केन्द्रों की स्थापना के संबन्ध में कार्यवाही की जा रही है ।
अपर जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुये कहा कि पालना शिशु केन्द्र के संबन्ध में जागरूकता व प्रचार-प्रसार करें । होटलों, ईंट भठ्ठों, ढाबों इत्यादि स्थानों पर अवैध रूप से कार्य कर रहे बालश्रमिकों को मुक्त कराने का निर्देश अपर जिलाधिकारी द्वारा श्रम प्रवर्तन अधिकारी वेदप्रकाश को दिया । अपर जिलाधिकारी ने विभिन्न स्थानों पर बालश्रमिक के रूप में कार्य कर रहे बच्चों को अभियान चलाकर छुड़ाये जाने व उनका पुर्नवास कराये जाने का निर्देश जिला प्रोबेशन अधिकरी व श्रम प्रवर्तन अधिकारी को दिया ।
साथ ही समय-समय पर अभियान चलाते रहने का निर्देश श्रम प्रवर्तन अधिकारी व जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिया । बाल विवाह एजेण्डा विन्दु पर अपर जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी व अन्य संबन्धित अधिकारियों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के संबन्ध में जागरूकता व प्रचार-प्रसार किये जाने का निर्देश दिया । उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता लाकर बालविवाह को रोका जा सकता है । मानव तश्करी के संबन्ध में अपर जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग के संबन्धित अधिकारियों को सीमाओं पर, रेलवे स्टेशनों पर निगरानी करने के संबन्ध में निर्देश दिया ।
गुमशुदा बच्चों की एफआईआर थानों में शीघ्रता से दर्ज किये जाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इससे गुमशुदा बच्चों के बरामद किये जाने में तेजी आयेगी । भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने वाले बच्चों की भी जांच पड़ताल किये जाने का निर्देश पुलिस विभाग के अधिकारियों को दिया । अपर जिलाधिकारी ने बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के सचिवों को निर्देश दिया कि बरामद किये जा रहे बच्चों का पुनर्वासा किये जाने तथा जो बच्चे विभिन्न अपराधों में शामिल थे उनकी काउसिंलिंग करने व उनको पुनः समाज में रहने योग्य बनाया जाए । कहीं ये बच्चे दुबारा तो अपराधों में लिप्त नहीं हो गये इसकी भी जानकारी समय-समय पर लिया जाए ।
अपर जिलाधिकारी ने महिला कल्याण व बाल कल्याण के लिए चलायी जा रही योजनाओं के संबन्ध में जागरूकता व प्रचार-प्रसार किये जाने का निर्देश जिला प्रोबेशन अधिकारी व संबन्धित अधिकारी को दिया । बैठक में जिला प्रोबेशन विभाग द्वारा स्पान्सरशिप योजना के संबन्ध में बताया कि इस योजना के तहत बाल श्रमिकों के रूप में छुड़ाये गये बच्चों, अनाथ, गरीब बच्चों, एकल माता के बच्चों को शिक्षा, भोजन के लिए 2000रू प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान किया गया है । यह राशि बच्चे के खाता में दी जायेगी ।
अब तक इस योजना का लाभ 10 बच्चों का दिया जा रहा है । इस योजना में ग्रामसभा स्तर पर समिति गठित है जो कि ग्रामसभा में गरीब बच्चों को योजना का लाभ दिये जाने हेतु प्रस्ताव भेजती है । अपर जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को प्रत्येक ग्रामसभा में लाभार्थियों का चयन कर योजना का लाभ दिये जाने का निर्देश दिया । बैठक मे अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह, विधिक प्राधिकरण सचिव श्रीपाल सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी राम प्रसाद, डीडीओ गिरीश चन्द्र पाठक, सीओ सिटी ओपी सिंह, करूणेन्द्र कुमार अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, प्रभारी सीएमओ जयंत कुमार, डीआईओएस महेन्द्र कुमार कनौजिया, समस्त सीडीपीओ व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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