अखिलेश्वर तिवारी /आदेश तिवारी
बलरामपुर ।। गर्मी के दिन शुरू होते ही कोक, पेप्सी जैसे विदेशी कोल्ड ड्रिंक या अस्वास्थ्कर फास्ट फ़ूड के प्रति हमारी युवा पीढ़ी की दीवानगी परवान चढ़ने लगती है। वस्तुतः यह दीवानगी स्वाद या स्वास्थ की नहीं, देखादेखी और फैशन की है।
विदेशी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आक्रामक प्रचार से प्रभावित होकर आधुनिक दिखने और कहलाने की ज़िद में हर साल देश के अरबों-खरबों रुपए हम विदेश भेज रहे हैं। वह भी तब जब इन तमाम जहरीले कोल्ड ड्रिंक्स और अस्वास्थकर फ़ास्ट फ़ूड के कई स्वस्थ, स्वादिष्ट और खांटी देशी विकल्प हमारे यहां मौजूद हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय चने का सत्तू उनमें से एक है। प्यास और थोड़ी भूख भी महसूस हो तो एक ग्लास पानी में दो-तीन चम्मच चने का सत्तू घोल लें। उसमें नमक, भूने जीरे का पाउडर, नींबू की कुछ बूंदें और पुदीने की चंद पत्तियां मिलाकर पी जाएं।
इसके स्वाद, इंस्टेंट ताजगी और इससे हासिल संतुष्टि का मुकाबला दुनिया की कोई ड्रिंक या फास्ट फ़ूड नहीं कर सकता। प्रचंड गर्मी में उसमें थोड़ा बारीक़ कटा प्याज और बर्फ के कुछ टुकड़े भी डाल दें तो सोने में सुहागा। आपको यह लू से भी बचाएगा। आप सफर में हों तो साथ में कम से कम एक ग्लास, एक पैकेट चने का सत्तू, नमक, पानी की बोतल और एक चम्मच साथ में जरूर रखें। यह आपका बेहतरीन हमसफ़र साबित होगा ! गांव-देहात में लोग इसे देशी पेय या फास्ट फ़ूड जो तुरंत तैयार हो जाने वाला 'है कहा जाता है ।


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