आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने मिलकर हर घर को स्वच्छ बनाने का सपना देखा तो स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक घरों में शौचालय मुहैया कराने की योजना बनाई और सभी को इसका लाभ देने के लिए सरकार ने सख्त निर्देश दिया। सरकार के इस महत्व कांछी योजना को धरातल पर लाने के लिए ग्राम पंचायत अधिकारियों से लेकर जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों तक की जिम्मेदारी तय की गई और सभी को इस महत्व काफी योजना को जमीनी हकीकत पर योजना को लागू करने के साथ-साथ सर्वेक्षण, निगरानी, जांच के भी आदेश दिए गए। लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना को कुछ जिम्मेदारों ने जमकर योजना के नाम पर लूट खसूट किया जेब भरी और अधिकारियों ने जांच के नाम पर कोरम पूरा किया।
संतकबीरनगर जनपद में स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर लूट खसूट से अछूता नहीं रहा जनपद के विभिन्न ग्राम पंचायतों के ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान ने मिलकर योजना को धरातल पर लाने की जगह अपनी अपनी जेब भरी अधिकारियों ने जांच के नाम पर जिम्मेदारों को हिदायत देकर अनदेखी कर दिया तो कहीं कुछ पर कार्यवही भी तय हुई। केंद्र और प्रदेश सरकार ने जो सपना देखा और सजाया था उस पर स्थानीय अधिकारियों ने योजना में जमकर पलीता लगाने का काम तो किया ही जिले के आलाकमान अधिकारियों ने भी योजन पर पानी फेरने का काम बखूबी किया है।
ताजा मामला नाथनगर ब्लाक क्षेत्र के मानपुर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव भरटोलवा (पूर्वा) का है। जहां पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत दो दर्जन से अधिक लाभार्थियों को योजना से लाभान्वित किया गया। ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिले हुए लगभग सात माह से ऊपर विदित हो चुका है। ग्रामीणों को सरकार की महत्वता अच्छी योजना का लाभ तो जरूर मिला लेकिन अब तक ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं असल वजह है कि शौचालय की धनराशि लाभार्थियों के खाते में सरकार ने मुहैया कराया तो ग्राम प्रधान ने अपनी जेब भरने के लिए लाभार्थियों के खाते से भुगतान निकलवा कर ठेकेदार द्वारा शौचालय का निर्माण कराया लेकिन वह भी आधे अधूरे किसी शौचालय में दरवाजे नहीं लगे, तो किसी के सीट और तो और अभी तक कुछ लाभार्थियों के शौचालय के गड्ढे तक नहीं बनाए कुल मिलाकर यू कह लिया जाए तो सभी के सभी शौचालय अधूरे हैं और भुगतान पूरा हो चुका है।
यानी साफ है कि कागजों में पूरा धरातल पर अधूरा तो अब कैसे पूरा होगा स्वच्छ भारत अभियान का सपना। ग्रामीण इतने आक्रोशित है कि मीडिया के कैमरे के सामने खुलकर बताया कि ग्राम प्रधान मुस्लिम ने ग्रामीणों के खातों से भुगतान निकलवाया पूरी धनराशि स्वयं ले लिया अपनी जेब भरने के लिए शौचालय पूरा नहीं करवाया इससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। शौचालय के लाभार्थियों का यह भी कहना है कि अभी तक किसी अधिकारी ने उनके गांव के शौचालय की दशा और दिशा को जानने की कोशिश तक नहीं की गई यानी कुल मिलाकर यू कह लिया जाए तो साफ है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने भी अपनी अहम भूमिका शौचालय के घोटाले में निभाई है।
अब सरकार के स्लोगन "बहू बेटी दूर न जाओ घर में ही शौचालय बनवाओ" मानपुर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव भरटोलवा (पूर्वा) में फेल तो हो ही गया लेकिन देखना यह अहम होगा कि क्या जिन जिम्मेदार अधिकारियों पर शौचालय की जिम्मेदारी तय की गई उन जिम्मेदार लापरवाह अधिकारी और ग्राम प्रधान पर कार्यवाही तय की जाएगी या फिर कागजी कोरम को पूरा करके लाभार्थियों को यूं ही खुले में शौच करना पड़ेगा और सरकार के इस महत्व कांछी योजना को धरातल पर उतारने के लिए जिम्मेदार लापरवाह अधिकारी कब अपनी जिम्मेदारियों को समझें और मानपुर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव भरटोलवा (पूर्वा) कें ग्रामीण को क्या स्वच्छ मुक्त हो पाएंगे इन सभी सवालों के जवाब अभी भी असमंजस में है, क्योंकि यह कहना साफ नहीं है की जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और ग्रामीणों को स्वच्छ मुक्त का सपना साकार होगा और सरकार के महत्व कांछी योजना पर पलीता नहीं लगेगा।
पूरे मामले पर जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी से जब वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है मैं स्वयं जाकर जांच करूंगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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