आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। पवित्र रमजानुल मुबारक महीने के चौथे व अंतिम शुक्रवार जुमा अलविदा के दिन सेमारियावां स्थित जामा मस्जिद में पांच हजार से अधिक मुसलमान भाइयों ने बड़ी ही अकीदत व एहतराम के साथ नमाज अदा की। मुल्क में अमन शांति तरक्की व भाईचारा के लिए रोजेदारों ने दुआएं मांगी। इस अवसर पर धार्मिक गुरु तब्लीगी जमात के अमीर मौलाना महमूद अहमद कासमी ने जुमा अलविदा के दिन रमजानुल मूबारक महीने की विशेषता व महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कलमा पढ़कर अगर हराम काम से नही बचता तो यह मुसलमानों की बहुत बड़ी लापवाही व कमी है।नमाज पढ़ने वाला झूट, शराब, सूद, जना आदि से नही बचता है तो उसकी नमाज में कमी है। रोजा इसलिए अनिवार्य किया गया गया ताकि अल्लाह का खौफ डर पैदा हो पैगम्बर मोहम्मद साहब के अनुसार जिंदगी गुजारे।
रोजेदारों में सबर शुकर सहयोग, मदद, हमदर्दी की भावना पैदा होती है। रमजानुल मुबारक में कुरान की तिलावत, नमाज की पाबंदी, सहयोग, जिक्र, दुआ, नेक काम की अधिकता रोजा के बाद भी ग्यारह महीने कायम रहे। इसी अनुसार जिंदगी बिताए। मौलाना कासमी ने कहा कि मुसलमान आज अमल से दूर है रोजा नमाज जिस्मानी इबादत है। यह इस्लाम धर्म के प्रमुख स्तम्भ है। जकात, हज आसान है। रमजान के महीने में मस्जिदें भारी रहती है। ईद बाद खाली हो जाती है। जबकि
रमजानुल मुबारक महीने का मकसद यह है कि रमजान के महीने की तरह शेष् महीने भी इबादत, अच्छे काम, नेक काम, कुरान की तिलावत, दुआ आजकर, दूसरों की मदद सहयोग में गुजारें। मस्जिदों को सालभर आबाद रखे। बिना किसी भेद भाव के गैरों पर एहसान करो।
दिल खोलकर माल खर्च करो। सिर्फ दिन भर भूखा रहना रोजा का नाम नही है। रोजा हाथ पैर आंख कान नाक सबका होता है। अच्छे काम करें बुरे काम से बचे। ईद के दिन अनाथ मिस्कीन गरीब असहाय की दिल खोलकर मदद करें। अपनी जबान से किसी को दुख न पहुंचाओ बल्कि खुशी पहुंचाओ। सबसे दोशती का बर्ताव रखो। दूसरों की खूबी बयान करो। आल यू पी इज्तिमा 2020 में मौलाना महमूद अहमद कासमी ने जुमा अलविदा के मौके पर एलान किया कि वर्ष 2020 के माह दिसम्बर में 12,13,14 तारीख को आल यू पी इज्तिमा का आयोजन तप्पा उजियार में होगा। जिसकी तैयारी में आप सबका सहयोग अपेक्षित।
27 वी रात को होगा इज्तिमा
जामा मस्जिद सेमारियावां के इमाम कारी अख्तर अली नसीमी ने बताया कि रमजान महीने की 27 वी की रात शनिवार के दिन जामा मस्जिद सेमारियावां में इज्तिमा का आयोजन किया गया है। जिसमे नमाज तरावीह के बाद बयान होगा। यह रात जागने वाली इबादत व दुआकरने वाली रात है। 8 बजे होगी ईदुल फितर की नमाज- जामा मस्जिद सेमारियावां के इमाम कारी अख्तर अली नसीमी ने बताया कि ईदुल फितर की नमाज सुबह आठ बजे अदा की जाएगी।
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