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बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का संबन्धित अधिकारी भ्रमण कर कार्ययोजना रिपोर्ट दें:डीएम






अखिलेश्वर तिवारी 
बलरामपुर ।। आपदा प्रबन्धन बैठक स्थानीय कलेक्ट्रेट स्थिति जिलाधिकारी कक्ष में संपन्न हुआ। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने तीनों तहसीलों के एसडीएम को निर्देशित करते हुये कहा कि बाढ़ को रोकने के लिए अभी से तैयारियां चाॅक-चैबन्द कर लें। संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील क्षेत्रों एवं तटबन्धों का निरीक्षण एवं आकलन कर वहां की स्थिति के बारे में रिपोर्ट अविलम्ब करें।

बन्धों के आस-पास हो रहे अवैध निर्माण या बाढ़ को बढ़ावा देने वाले निर्माण कार्यो को तत्काल रोका जाए, साथ ही उन क्षेत्रों में धारा-144 लागू किया जाए। आपदा से नुकसान हुये फसलों का मुवाब्जा के रूप में किसानों को पैसा उनके खाते में भेज दिया जाए। संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बन्धों का सर्वे लेखपालों द्वारा कराकर रिपोर्ट दें, और यदि बन्धों की गुणवत्ता में कोई कमी हो या जर्जर स्थिति में हो तो उसका मरम्मत शीघ्र करायें।
जिलाधिकारी ने संबन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे बाढ़ आने से पहले अपनी तैयारियों एवं बचाव कार्य व बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अपनी कार्ययोजना बनाकर कार्य तेजी से करें, जिससे बाढ़ के समय किसी भी भयावह स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची लेखपालों से सर्वे कराकर प्राप्त कर ले, बाढ़ के समय ऐसे निर्धारित सुरक्षित स्थान  का चिन्हांकन करें जहां पर पेयजल व्यवस्था अच्छी हो व राहत सामग्री सुगमता पूर्वक पहुॅच सके। 

उन्होंने कहा कि जो भी राहत केन्द्र एवं चैकी बनाएं जाए वह गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित ऊँचे स्थान पर हो। प्रत्येक न्याय पंचायत में एक या दो कोटेदार, प्रधान व ऐसे समर्थवान व्यक्ति का चिन्हांकन करें जो बाढ़ के समय अपना शतप्रतिशत देते हुये महत्वपूर्ण भूमिका निभाये। पिछले वर्ष जो भी नाव की खरीददारी की गई थी उसको चेक करा लें यदि उसमें कोई कमी हो तो मरम्मत करकर दुरुस्त कराये। साथ ही अभी से ऐसे व्यक्ति का चिन्हांकन करें जो बाढ़ के समय नाव चला सके। उन्होंने कहा कि तैयारियां ऐसी होनी चाहिए कि आपदा के समय कम से कम जन-धन की हानि हो अथवा हानि को न्यूनतम किया जा सके। ग्राम स्तर पर आपदा प्रबन्धन समितियों को सक्रिय कर दिया जाए और वालेन्टियर्स भी रखे जाए, जिससे आने वाले किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने में दिक्कत न हो। 

साथ ही ऊॅचे स्थानों का चयन किया जाए। आपात कालीन सामाग्री, बाढ़ के समय सावधानी व इससे निपटने के लिए तरीको आदि का पंपलेट छपवाकर गांव-गांव दीवारो पर चिपकाया जाए और इसका विधिवत प्रचार-प्रसार किया जाए। इस दौरान उन्होंने जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना  से जो किसान लाभान्वित होने से बच गये है, उनको अतिशीघ्र लाभान्वित करें। साथ ही इसका समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर किसानों को जागरूक करें। प्रत्येक तहसील में कैंप लगाकर किसानों का आवेदन पत्र भरवाये। 

शतप्रतिशत किसानों को लाभ दे। बैठक में सीडीओ अमनदीप डुली, अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल,एसीडीएम बलरामपुर नागेन्द्र नाथ, एसडीएम तुलसीपुर विनोद कुमार सिंह, एसडीएम उतरौला ए0के0 गौड़,  तहसीलदार बलरामपुर रोहित कुमार मौर्य, डीडीओ गिरीश चन्द्र पाठक, डिप्टी सीएमओ, एक्सईएन आलोक प्रताप सिंह बाढ़ सिचाईं, ऐई प्रीतम लाल, जेई ओम प्रकाश सिहं, जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार, डीपीआरओ नरेश चन्द्र, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ,जिला पशु चिकित्साधिकारी, रवि शुक्ला, डाॅ0 एके0 पाण्डेय व अन्य संबन्धित अधिकारी मौजूद रहे।   

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