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मनकापुर में कोटेदारों के यहां गेहूं में मिला कंकड़ पत्थर प्लास्टिक, एक्शन मूड में डीएम

गोंडा के मनकापुर में गरीबों के निवाले में कंकड़, पत्थर, प्लास्टिक मिलने का मामला, सरकारी राशन में मिला था कंकड़ पत्थर प्लास्टिक, डीएम ने शिकायत को लिया संज्ञान।



उत्तर प्रदेश के गोंडा में खाद्यान्न वितरण में गुणवत्ता संबंधी अनियमितताओं की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएम नेहा शर्मा एक्शन मूड में नजर आ रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्देश दिया है।


बता दें कि मनकापुर विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बन्दरहा और ग्राम पंचायत किशुनदासपुर में कोटेदारों को वितरण के लिए उपलब्ध गेहूं में गुणवत्ता संबंधी शिकायत मिली थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए हुए डीएम ने जांच एवं कार्यवाही का निर्देश दिया है।


जानिए क्या है पूरा मामला 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बन्दरहा गांव की कोटेदार सरोज चौहान और किशुनदासपुर की कोटेदार कृष्णा देवी ने 5 जुलाई को परिवहन ठेकेदार से वितरण के लिए गेहूं प्राप्त किया था। जिसमें भारी मात्रा में मिट्टी, कंकड़ एवं पॉलिथीन की मिलावट पाई गई थी। वितरण के दौरान कार्डधारकों ने गुणवत्ता विहीन गेहूँ को लेने से इनकार कर दिया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया गया था। जांच के क्रम में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।


गजब का गड़बड़ झाला 

क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक ने जांच के दौरान पाया कि बन्दरहा के कोटेदार को उपलब्ध कराए गए 60 बोरियों में खोली गई 28 बोरियों में 19 बोरी गेहूं की गुणवत्ता इतनी ख़राब थी कि उसे जानवर भी खाने से इनकार कर देते। गेहूं के बोरी में मिट्टी, कंकड़ एवं पॉलिथीन के साथ गेहूं कही कही दिखाई पड़ रहे थे। गांव वालों का कहना था कि मिट्टी और प्लास्टिक के बीच से गेहूं निकाल कर चुनना सिर्फ पक्षियों के बस है, इंसान इसे नहीं इस्तेमाल कर सकता है।


पड़ोसी गांव भी पहुंचा था गुणवत्ता विहीन गेहूं

गड़बड़ झाला के हिस्से का गेहूं बन्दरहा गांव के साथ पड़ोसी गांव किशुनदासपुर में भी पाया गया, यहां भी उपलब्ध बोरियों में ज्यादातर गेहूं की गुणवत्ता ठीक नहीं थी। वितरण के लिए 67 बोरिया प्राप्त हुई थी, जिसमें से 9 बोरियां खोली गई, जिसमें 8 बोरियां गुणवत्ता विहीन निकली, जिसमें एक बोरी ऐसी निकली जिसे सिर्फ कूड़े में फेंका जा सकता है, बोरियों में गेहूं कही कही नजर आ रहे थे, बाकी कंकड़ पत्थर प्लास्टिक भरे हुए थे।


डीएम का आदेश

जिलाधिकारी ने जिला खाद्य विपणन अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए गेहूँ को तत्काल बदलवाने के लिए निर्देशित किया है। डीएम ने कहा है कि आज ही गेहूं बदलवाया जाए एवं भविष्य में ऐसी शिकायत मिलने की स्थित न बने। जिसके क्रम में मनकापुर के परिवहन ठेकेदार को गेहूं पहुंचाने के लिए निर्देशित करते हुए कड़ी चेतावनी दी है। डीएम ने कहा है कि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


जांच जारी

जिलाधिकारी ने एफसीआई डिपो से उपलब्ध कराए गए गेहूं के विषय में अलग से जांच कराने का निर्देश दिया है, जिससे गड़बड़ झाला के वास्तविक दोषी की पहचान करके नियमानुसार कार्यवाही की का सके।


बोली डीएम

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किसी भी प्रकार की शिकायत बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लाभार्थियों को मिलने वाले राशन के गुणवत्ता से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है। शासन के मंशानुरूप लाभार्थियों तक गुणवत्ता पूर्ण राशन पहुंचना प्राथमिकता है।

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