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ग्राम प्रधान की गोली मारकर हत्या मामले में दो ग्रिफ्तार, पढ़े पूरा मामला




सरकारी अभिलेख में रास्ता न होने के बावजूद रास्ते का निर्माण शुरू कराना बना प्रधान की हत्या का कारण

इनायतनगर थाने के हल्लेद्वारिकापुर में हुई ग्राम प्रधान की हत्या के पीछे सरकारी जमीन की कब्जेदारी ही कारण बनी।बताया गया कि जंगल झाड़ी की जमीन पर अरसे से आरोपी पक्ष का कब्जा था।उसी जमीन से ग्राम प्रधान देवशरण यादव रास्ता निकलवाना चाहते थे।जिसको लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका था।हालांकि लेखपाल राहुल वर्मा ने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा जमीन खाली कराने के लिए कोई प्रार्थना पत्र राजस्व विभाग में नहीं दिया गया था।

इनायतनगर पुलिस ने की दो लोगों की गिरफ्तारी

एसपीआरए ने बताया कि हल्लेद्वारिकापुर ग्राम प्रधान की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में सात लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है।जिसमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है।पुलिस अब किसी भी घटना को रोकने के लिए मुस्तैद है।मृतक के जानमाल के गुहार वाले प्रार्थना पत्र मिलने के बाद पुलिस की लापरवाही पर बोले कि ऐसा कुछ नहीं है।जमीन सम्बन्धी विवाद था।ऐसे अप्लीकेशन तो रोज पड़ते ही रहते हैं। पुलिस को क्या पता कि हत्या हो जायेगी।

निलंबित चौकी प्रभारी ने कहा कि आरोपियों पर पहले ही की गई थी निरोधात्मक कार्रवाई

इनायतनगर थाने के हल्लेद्वारिकापुर में ग्राम प्रधान की हत्या के मामले में लापरवाही के आरोप में निलंबित हुए बारुन चौकी प्रभारी राम औतार ने बताया कि पुलिस को जैसे ही सूचना मिली थी।तुरंत आरोपियों को शान्ति भंग के तहत 107/16 में निरुद्ध करके निरोधात्मक कार्रवाई घटना के एक दिन पहले ही की गई थी।इस मामले में एसएसपी ने चौकी प्रभारी को निलंबित करते हुए सभी सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है।

हत्या के आधा घंटा पहले हुई थी मारपीट

हल्लेद्वारिकापुर ग्राम प्रधान व उनके समर्थकों तथा हत्यारोपियों के बीच गोली चलने के पहले आरोपियों के घर पर मारपीट हुई थी।जिसमें दो लोगों को चोटें भी आई थीं।लोगों ने बताया कि आरोपी ईश्वर दत्त तथा गोपी इस मारपीट की घटना में घायल हुए थे।

पुलिस के सामने फूँके गये छः मकान और पुलिस बनी रही मूकदर्शक

ग्राम प्रधान की हत्या से आक्रोशित भीड़ ने पुलिस के सामने ही आरोपियों के मकानों में पेट्रोल डालकर आग लगाती रही।लेकिन पुलिस किंकर्तव्यविमूढ़ की भूमिका में खड़ी नजर आ रही थी।ग्राम प्रधान के घर से 200 मीटर उत्तर पश्चिम कोने पर स्थित आरोपियों के मकान को गुस्साई भीड़ ने पूरी तरह से जला दिया है।मौके पर एक ट्रेक्टर तथा पांच बाइक जलकर राख पड़े हैं।तथा दूसरे ट्रैक्टर तथा घरों में धुएं निकल रहे हैं।जिसे फायर बिग्रेड की टीम बुझा रही थी।मौके पर कई पुलिस क्षेत्राधिकारी के साथ एसपी ग्रामीण कैंप किए हुए हैं।रात में आईजीजोन ने भी दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था।आरोपी रमेश कुमार मिश्र, हरिभान दत्त मिश्र, ईश्वरदत्त मिश्र, महेश मिश्र, रमाकांत मिश्र तथा अमरजीत का घर जलाया गया है।इन घरों में कोई स्त्री, पुरुष तथा बच्चा मौके पर नहीं है।बाहर दो गायें खूंटे से बंधी दिखाई दे रही हैं।

मृतक प्रधान के घर पुलिस पहरे के बीच दहाड़ मारकर रो रही हैं महिलाएं

हल्लेद्वारिकापुर ग्राम प्रधान की सोमवार की देरशाम हुई हत्या के बाद मातम पसरा हुआ है।सामने गेट पर आधे दर्जन से अधिक पुलिस वालों का पहरा लगा दिखाई देता है।और इसी बीच महिलाओं की चीत्कार सुनाई देती है।बाकी कोई कुछ बोलने को राजी नहीं है।कई महिलाएं बेहोश पड़ीं हैं तो कई दहाड़ मारकर रोती बिलखती दिख रही हैं।यही पर गाँव के एक व्यक्ति ने बताया कि काफी दिनों से दोनों पक्षों में कसक चल रही थी।विवादित जमीन पर आरोपियों का कब्जा जरूर था लेकिन वह जंगल झाड़ी की जमीन थी।

धन्धे को लेकर भी दोनों पक्षों में थी कसक
 मृतक ग्राम प्रधान देवशरण यादव व आरोपी हरिभान दत्त मिश्र के बीच लकड़ी के कारोबार को लेकर काफी दिनों से आगे बढ़ने की कसक चल रही थी।दोनों अवैध रूप से पुलिस के संरक्षण में आरामशीन चलाकर लकड़ी का कारोबार करते थे। लोगों ने यह भी बताया कि ग्राम प्रधान दंबग प्रवृत्ति के व्यक्ति था।इसके पहले वह गावों में पेड़ खरीदने का भी काम करता था।काफी पहले शाहगंज बाजार में एक सिपाही से उनकी तकरार हुई थी।और गांव के बाबूराम मिश्र के पुरवा में एक मार्ग को पटाने को लेकर भी ग्राम प्रधान व ग्रामीण के बीच तकरार हुई थी।

रात का मंजर था काफी भयावह, उग्र भीड़ में बड़ी मुश्किल से बची फायरब्रिगेड टीम की जान
 हल्लेद्वारिकापुर में ग्राम प्रधान की हत्या के बाद उग्र भीड़ द्वारा फूंके गए आधे दर्जन आरोपियों के मकानों को बुझाने के लिए सोमवार की रात जब फायर ब्रिगेड की गाड़ी के साथ टीम पहुंचे तो भीड़ फायर बिग्रेड टीम पर भी हमलावर हो गई।फायर ब्रिगेड के विजय प्रकाश ने बताया कि सोमवार की रात पुलिस फोर्स के सामने जब आग बुझाने फायर ब्रिगेड टीम पहुंची तो उग्र भीड़ टीम पर ही हमलावर हो गई।उग्र भीड़ को काफी समझाने बुझाने के बाद जलते हुए मकानों को बिना बुझाये ही घटना स्थल से वापस लौटना पड़ा।फायर ब्रिगेड की टीम को पुलिस का भी सहारा नहीं मिल पाया।स्थिति इतनी भयावह थी कि लग रहा था कि आज किसी की भी जान नहीं बचेगी।आगजनी घटना स्थल से किसी तरह जब जान बची और गाड़ी शाहगंज पुलिस चौकी की ओर बढ़ी तो भीड़ ने सड़क पर लाश रखकर रोडजाम करते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ी पर शव पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाने लगे।और गाड़ी फूंकने की बात कहने लगे। हालांकि फायर बिग्रेड गाड़ी के ड्राइवर द्वारा ग्रामीणों से काफी मिन्नतों के बाद टीम की जान बच पायी।रात में ही मन में आया कि नौकरी से इस्तीफा दे दूँ।
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