वासुदेव यादव
अयाेध्या। इन दिनाें अयाेध्यानगरी में चल रहा प्रसिद्ध श्रावण झूला मेला अपने उफान पर पहुंच चुका है। रामनगरी में श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ है। १५ अगस्त काे रक्षाबंधन और मुख्य पूर्णिमा स्नान पड़ रहा है, जिसकाे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के तगड़े बन्दाेबस्त किए हैं। नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। जाे संदिग्ध व्यक्तियाें के ऊपर बराबर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं।
वहीं अयाेध्याधाम के वासुदेवघाट स्थित पत्थर मन्दिर में महन्त मनीष दास और महन्त शशिकान्त दास महाराज की सानिध्यता में झूलन महाेत्सव हर्षाेल्लास व आनंद के साथ मनाया जा रहा है। स्थानीय कलाकाराें के द्वारा गाए जा रहे गीताें से आश्रम में झूलन की महफिल सज रही है। मन्दिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। श्रद्धालु युगल सरकार के झूलन झांकी का दर्शन कर आनंदित और भावविभोर हैं। इसी तरह रामकाेट माेहल्ले के रंगवाटिका मन्दिर में झूलनाेत्सव की धूम है। जहां पीठ के महन्त हरिसिद्धि शरण महाराज के कुशल संयाेजन में महाेत्सव परवान पर है।
आश्रम श्रीदशरथ राजकुमार सिया संग झूलैं हाे... रत्न जड़ित हिंडाेलना। तेरी बांकी झूलन बलिहारी... आदि झूलन गीताें से उल्लासित है। मन्दिर में झूलन सरकार का दर्शन करने के लिए भक्ताें का तांता लगा है। स्वर्गद्वार के सीताराम निवास कुंज के आचार्य सतेन्द्र दास महाराज ने कहाकि भगवान राम और किशाेरी जी के झूलन महाेत्सव का दर्शन करने से मनुष्य को संसार में आवागमन से सर्वथा के लिए मुक्ति मिल जाता है। उन्हाेंने कहाकि भगवान के झूलन महाेत्सव का दर्शन करने के लिए देश के काेने-काेने से भक्ताें की भीड़ अयाेध्या के मन्दिराें में उमड़ रही है।
इसे देखकर ऐसा लगता है कि यह अयाेध्या आज भी त्रेतायुग के भगवान राम और श्रीकिशाेरी जी की सानिध्यता काे प्रत्यक्ष प्रदर्शित कर है। इसी प्रकार रामकृष्ण मन्दिर भी प्रभु श्रीराम व श्रीकिशाेरी जी के झूलन महाेत्सव से पुलकित है। जहां एकादशी से लेकर सावन पूर्णिमा तक महाेत्सव अपने चरमाेत्कर्ष पर रहता है। मठ के महन्त गणेशानन्द महाराज के कुशल मार्गदर्शन में झूलनाेत्सव पर्व मनाया जा रहा है। इस माैके पर उन्हाेंने कहाकि जाे भी व्यक्ति झूले पर विराजमान झूलन बिहारिणी-बिहारी का सरकार का दर्शन करता है। उसे तीनाें तापाें और तीनाें ऋणाें से झूलन सरकार मुक्त कर देते हैं।
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