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डीएम सर! क्या सीएम से भी बड़े हैं लोकनिर्माण विभाग गोण्डा के एक्सईएन ?


6 अगस्त को अवर अभियंता को रिलीव आदेश जारी करने के बाद भी नहीं लिया जा रहा स्टोर का चार्ज


शासन के आदेश को दिखाया जा रहा ठेंगा, स्थानांतरित अवर अभियंता पर मेहरबान हैं अधिशासी अभियंता


ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। सूबे के मुख्यमंत्री का आदेश जिले के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मानने में न सिर्फ हीलाहवाली कर रहे हैं बल्कि आठ माह पूर्व स्थानांतरित अवर अभियंता को रिलीव कर स्टोर का चार्ज दूसरे को दिलाने में भी दरियादिली दिखा रहे हैं। आठ महीने बाद भी अवर अभियंता को रिलीव न करने की खबर मीडिया में आने के बाद उसे 6 अगस्त को रिलीव ऑर्डर तो थमा दिया गया, लेकिन 10 दिन बाद भी वह यहीं बना हुआ है। हद तो यह है कि दस दिनों से अब स्थानांतरित अवर अभियंता को स्टोर के चार्ज में कथित रूप से देरी के नाम पर अधिशासी अभियंता द्वारा जान बूझकर रोक रखा गया है।
   बताते चलें कि शासन द्वारा 30 नवम्बर 2018 को प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग गोण्डा में तैनात अवर अभियंता राघवेंद्र प्रताप सिंह समेत प्रदेश के अन्य जिलों में तैनात 27 अवर अभियंताओं का स्थानांतरण किया गया था। इसी क्रम में प्रांतीय खण्ड गोण्डा से अवर अभियंता राघवेंद्र प्रताप को निर्माण खण्ड बलरामपुर स्थानांतरित किया गया, लेकिन अपने राजनीतिक रसूख और विभागीय अधिकारियों की साठगांठ के चलते वह गोण्डा में ही अंगद की तरह पैर जमाए हुए था। गोण्डा का मोह स्थानांतरित अवर अभियंता राघवेंद्र सिंह छोड़ नहीं पा रहा था। अपनी विभागीय पैठ और रसूख के बल पर अवर अभियंता राघवेंद्र सिंह लोक निर्माण में स्टोर इंचार्ज का कार्यभार देख रहा था। बताते हैं कि सड़क निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले तारकोल के वितरण में होने वाले करोड़ों के खेल को आसानी से अंजाम देने में माहिर होनेे के कारण अधिशासी अभियंता द्वारा जान बूझकर उसे रिलीव नहीं किया जा रहा था। आठ महीने से लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा डंके की चोट पर शासन के आदेश का मखौल उड़ाया जा रहा था। अवर अभियंता तथा विभाग में व्याप्त अनियमितता के संबंध में 'क्राइम जंक्शन' द्वारा पांच अगस्त को प्रमुखता से समाचार प्रसारित करते ही विभाग में अफरातफरी मच गयी। हड़कंप तब मचा जब समाचार को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉक्टर नितिन बंसल ने प्रांतीय खण्ड लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता देवेन्द्र मणि से रिपोर्ट तलब करते हुए स्थानांतरित अवर अभियंता को तत्काल रिलीव करने का निर्देश दिया। डीएम के हरकत में आते ही अवर अभियंता राघवेंद्र सिंह को तत्काल रिलीव होनेे की चिट्ठी तो थमा दी गई, लेकिन दस दिन बाद भी वह स्टोर का चार्ज नहीं छोड़ रहा है।
      सूत्र बताते हैं कि लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राघवेंद्र का "घाघ" अवर अभियंता को संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि उससे स्टोर का चार्ज लेने में हीलाहवाली की जा रही है। इस संबंध में प्रांतीय खण्ड लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता देवेंद्र मणि ने बताया कि अवर अभियंता राघवेंद्र को 6 अगस्त को ही तत्काल प्रभाव से बलरामपुर के लिए रिलीव किया जा चुका है। रिलीव होने के दस दिन बाद भी गोण्डा से न जाने तथा विभाग में बाकायदा कामकाज करने के बाबत किए गए सवाल पर उन्होंने बताया कि स्थानांतरित अवर अभियंता राघवेंद्र के पास स्टोर का चार्ज है, जिसे हस्तांतरित करने में काफी समय लगता है। उन्होंने बताया कि हालांकि चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें दो-तीन दिन लग जाएगा।


डिप्टी सीएम के आदेश को ठेंगा दिखा रहे अधिशासी अभियंता

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि सूबे के स्थानांतरित सभी अवर अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से रिलीव कर दिया जाय। यदि इसके बाद भी अवर अभियंता अपने स्थानांतरित जिले में आमद नहीं कराते हैं तो उनके विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाए। इस बाबत लोक निर्माण विभाग द्वारा सभी अधिशासी अभियंताओं तथा अन्य अधिकारियों को पत्र भी जारी कर दिया गया है लेकिन इसके बावजूद गोण्डा के अधिशासी अभियंता आठ माह पूर्व स्थानांतरित अवर अभियंता राघवेंद्र सिंह पर मेहरबान हैं और शासन के आदेश का मखौल उड़ा रहे हैं।
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