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माता की मूर्ति को अंतिम रूप देते कलाकार


आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। मेंहदावल नगर अपने मिट्टी के खिलौने के लिए प्रचलित हुआ करता है। जिसके कलाकारो द्वारा मूर्ति के खिलौने भी सजीव के भांति प्रतीत होते है। जिससे मेंहदावल नगर के मूर्ति कलाकारों के द्वारा बनाये गए माता,गणेश आदि की मूर्तियां की हर क्षेत्र में जाती है।  इसीकड़ी में मेंहदावल नगर के मूर्ति के कलाकारों द्वारा नवरात्र उत्सव के लिए माता की मूर्ति के निर्माण को अंतिम चरण को पूर्ण कर रहे है। 29 सितंबर से प्रारंभ होने वाले नवरात्रि को लेकर अब शहर व ग्राम दोनों जगहों में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। उत्तर भारत सहित सम्पूर्ण भारत के तमाम शहरों में नवरात्रि की धूम हो गई है। लोग पूरी श्रद्धा के साथ इस त्योहार को मना रहे है। वही पर इसके कलाकार भी पूरी तन्मयता से मूर्ति को अंतिम रूप दे रहे है। इसीक्रम में मेंहदावल नगर के उत्तरपट्टी में मूर्ति कला के निर्माण में अपनी अलग छाप रखने वाले दुर्गेश मूर्ति कला केंद्र के कलाकार कैलाशनाथ प्रजापति द्वारा माता की मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसबाबत मूर्ति कलाकार कैलाशनाथ द्वारा बताया गया कि मेरे क्षेत्र में अनेको लोगो द्वारा मूर्तियो का निर्माण किया जा रहा है। जहां से नगर के क्षेत्र ही नही आसपास के जिलों में भी मूर्तियों जाती है। जिससे नगर पंचायत मेंहदावल के कलाकारों का मूर्ति कला के क्षेत्र में बहुत ही प्रख्यात है। आज के समय मे माता की मूर्ति की स्थापना बहुतायत रूप में किया जाता है। इसके साथ ही नवरात्रि में सभी लोगो के द्वारा माता का पूजन अर्चन किया जाता है। मेरे द्वारा हर स्तर से माता की मूर्ति को विधिवत स्वरूप देने जा प्रयास किया जाता है।

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