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तहसीलदार के रसूख पर सरकारी आवास मे राजस्व कर्मियों ने जमाया हैं कब्जा


■ मेंहदावल तहसील मे नही चलता शासन का नियम, तहसीलदार खुद तय करती हैं नियम व कानून

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। मेंहदावल तहसील क्षेत्र के सरकारी परिसर मे राजस्व कर्मियों के लिए बनी आवासीय व्यवस्था वर्तमान तहसीलदार की हठधर्मिता की भेंट चढ गयी हैं। बिना आवंटन के ही सरकारी आवास पर सौ से ज्यादा लोगो ने कब्जा जमा कर रखें हैं और साथ ही आवासीय भत्ता भी तहसीलदार के नाक के नीचे उठा रहे हैं। सरकारी आवास से वंचित लोगो की शिकायत के बाद भी तहसीलदार का न सुनना। उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष विद्युत बिल से लेकर आवास भत्ता भुगतान मे करोडों की चपत लग रही हैं। ताज्जुब यह हैं कि तहसील क्षेत्र मे बडे पैमाने पर तहसीलदार के नाक के नीचे सरकारी धन के गोलमाल का खेल खेला जा रहा हैं पर मातहत मामले की जानकारी जिला प्रशासन को देने की जगह अल्पीकरण मे मस्त हैं।
     मेंहदावल तहसील क्षेत्र मे योगी सरकार मे भी अनियमित्ता व भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा हैं। अवैध रुप से सरकारी आवासों पर तहसीलदार के मातहत कर्मचारी कब्जा जमा रखें हैं। उपर से बिजली,पानी का मुफ्त उपयोग भी कर रहे हैं। तहसील के विद्युत विल का भुगतान तहसील प्रशासन कर रहा हैं। उपर से अवैध सरकारी आवासों पर कब्जा जमाने वाले कर्मचारी आवास भत्ता का लाभ भी ले रहे हैं। मामला उजागर होने के बाद भी तहसीलदार की चुप्पी बड़े आर्थिक घोटाले को जन्म दे रही हैं। ताज्जुब यह हैं कि तहसील प्रशासन के नाक के नीचे सरकारी आवास मे रह रहे कर्मचारी आवास भत्ता का लाभ कैसे ले रहे हैं।इसपर तहसीलदार की चुप्पी बड़े घोटाले को अल्पीकरण के रास्ते पर ले जा रही हैं। हालात यह हैं कि जब इस मामले मे तहसीलदार से संपर्क किया गया तो उन्होने विभागीय मामला बताते हुए अपना पल्ला झाड लिया जबकि उपजिलाधिकारी प्रेम प्रकाश अंजोर ने सरकारी आवास मे रहने के बावजूद आवासीय भत्ता उठाने वाले कर्मचारियों के विरुद्व तहसीलदार से सवाल जबाब करते हुए कार्यवाही की बात कही। तो वही जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता ने भी सरकारी आवास मे रहने के बावजूद कर्मचारियों द्वारा आवासीय भत्ता लेने के मामले को गंभीर माना। ऐसे मे सवाल खडा हो रहा है कि लम्बे समय से करोडों रुपये के गोलमाल का खेल मेंहदावल तहसील मे चल रहा हैं पर जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं वही भाजपा के कुछ क्षेत्रीय नेताओं ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री के संज्ञान मे लाने की बात कही। फिलहाल मेंहदावल तहसील की कार्यशैली कटघरे मे खडी हैं जिससे सत्ता पक्ष के नेता भी संतुष्ट नजर नही आ रहे हैं और मामले की शिकायत शासन मे करने की जुगत लगा रहे हैं।

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